मध्य प्रदेश: परिवारवाद की आलोचना करने वाली भाजपा अपने गिरेबां में क्यों नहीं झांकती

विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जहां भाजपा ने क़रीब 20 प्रतिशत टिकट स्थापित नेताओं के परिजनों को बांटे हैं, वहीं कांग्रेस ने ऐसे 10 प्रतिशत उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं.

पत्रकार रवीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए भाषण लिखा है, क्या वे इसे पढ़ सकते हैं?

भाजपा की सरकार ने उच्च शिक्षा पर उच्चतम पैसे बचाए हैं. हमारा युवा ख़ुद ही प्रोफेसर है. वो तो बड़े-बड़े को पढ़ा देता है जी, उसे कौन पढ़ाएगा. मध्य प्रदेश का पौने छह लाख युवा कॉलेजों में बिना प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक के ही पढ़ रहा है. हमारा युवा देश मांगता है, कॉलेज और कॉलेज में टीचर नहीं मांगता है.

नोटबंदी उचित, इससे दबा रुपया वापस बैंकिंग प्रणाली में लाया गया: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के शहडोल में हुई चुनावी सभा में कहा कि दबे पैसे का उपयोग सरकार जनहित के कार्यों में कर रही है. वहीं राहुल गांधी ने सागर ज़िले में हुई सभा में कहा कि नोटबंदी देश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है.

दस साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह इतने सन्नाटे में क्यों हैं?

विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के आख़िरी मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह चुनाव प्रचार से पूरी तरह से ग़ायब हैं. क्या उन्हें हाशिये पर धकेला जा चुका है या फिर उन्हें पर्दे के पीछे रखना चुनावी रणनीति का हिस्सा है?

मध्य प्रदेश: भाजपा और कांग्रेस की हिंदुत्ववादी सियासत के बीच विकास के मुद्दे कहीं गुम से गए हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही मध्य प्रदेश को हिंदुत्व की प्रयोगशाला में तब्दील कर दिया है. विस्थापन, आदिवासी अधिकार, कुपोषण, भुखमरी, खेती-किसानी जैसे मुद्दों पर कोई भी बात नहीं कर रहा है.

मध्य प्रदेश: व्यापमं घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री को राहुल गांधी ने दिलाई कांग्रेस की सदस्यता

व्यापमं घोटाले को लेकर सीबीआई द्वारा डॉ. गुलाब सिंह किरार और उनके बेटे ​के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए जाने के बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था.

लोगों की राय से मध्य प्रदेश को समृद्ध बनाने की याद भाजपा को 15 साल बाद क्यों आई?

ग्राउंड रिपोर्ट: भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई ने चुनावी माहौल में ‘समृद्ध मध्य प्रदेश’ अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत प्रदेश की जनता से सरकार बनने पर शासन कैसे चलाया जाये, इस संबंध में सुझाव मांगे जा रहे हैं.

शिवराज सिंह चौहान: ‘पप्पू’ से ‘मामा’ तक का सफ़र

विशेष रिपोर्ट: बाहरी तौर पर शिवराज सिंह चौहान आरएसएस के तय मानकों से ज़्यादा सेकुलर लगते हैं, लेकिन निजी रूप में वे नरेंद्र मोदी की तरह कट्टर हिंदुत्व में विश्वास रखते हैं.

हर दिन 92 बच्चों की मौत के बावजूद मध्य प्रदेश में कुपोषण चुनावी मुद्दा क्यों नहीं है?

ग्राउंड रिपोर्ट: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2016 से जनवरी 2018 के बीच राज्य में 57,000 बच्चों ने कुपोषण के कारण दम तोड़ दिया था. कुपोषण की वजह से ही श्योपुर ज़िले को भारत का इथोपिया कहा जाता है.

मध्य प्रदेश: शराब की बोतलों पर ‘सबका वोट ज़रूरी है’ के स्टिकर, विवाद के बाद हटाए गए

मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ ज़िले में प्रशासन ने बंटवाए थे स्टीकर. आदिवासी भाषा में लिखा हुआ था, ‘हंगला वोट ज़रूरी से, बटन दबावा नूं, वोट नाखवा नूं’ यानी ‘सबका वोट ज़रूरी है, बटन दबाना है, वोट डालना है’.

मेरे भाषण देने से कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए प्रचार करने नहीं जाता: दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक वीडियो में ऐसा कहते नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया इस वीडियो को सही परिप्रेक्ष्य में नहीं दिखा रहा है.

मीडिया बोल, एपिसोड 70: पांच राज्यों में चुनाव और चुनाव आयोग

मीडिया बोल की 70वीं कड़ी में उर्मिलेश पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा और चुनाव आयोग की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार आरती जेरथ और हिंदू बिज़नेस लाइन की पॉलिटिकल एडिटर पूर्णिमा जोशी से चर्चा कर रहे हैं.

क्यों मध्य प्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन न हो पाना कांग्रेस के लिए ​चिंताजनक नहीं है

विशेष रिपोर्ट: आंकड़े बताते हैं कि अगर बसपा के साथ गठबंधन हो भी जाता तो भी कांग्रेस को कोई ख़ास फायदा नहीं मिलता.

सरकार पर लगाए आरोपों के ग़लत पाए जाने पर ‘पेड न्यूज़’ मानकर हो कार्रवाई: शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि कई बार सरकार की उपलब्धियों के प्रकाशन को पेड न्यूज़ बताया जाता है, तो विपक्षी दलों द्वारा उसके ख़िलाफ़ हुई शिकायतों के निराधार पाए जाने पर भी उसी तरह की कार्रवाई होनी चाहिए.

क्या मध्य प्रदेश में कमलनाथ की कांग्रेस शिवराज सरकार को सत्ता से बेदख़ल करने की स्थिति में है?

विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश में पिछले तीन विधानसभा चुनाव हारकर 15 सालों से वनवास भोग रही कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. लेकिन, सुर्ख़ियों में पार्टी की अंदरूनी उठापटक ही हावी है.