भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल 18,762,976 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक 208,330 लोगों की जान जा चुकी है. विश्व में संक्रमण के मामले 15.05 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 31.66 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. सर्वाधिक प्रभावित तीसरे देश ब्राज़ील में एक महीने में एक लाख लोगों की मौत हुई है. मरने वालों की संख्या के लिहाज़ से यह अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है.
इसी तरह राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में भी सामाजिक बहिष्कार का एक मामला सामने आया है. नोएडा में घर की रखवाली का काम करने वाले एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद कोई भी मदद के लिए आगे नहीं. पश्चिम बंगाल के इस परिवार ने पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की भरपाई के लिए प्रोटोकॉल ही बदल दिया है. यह सरासर कुप्रबंधन है. इसके अलावा अदालत ने दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह कोरोना ऐप में संशोधन पर विचार करे और ऐप में यह जानकारी दी जाए कि कौन से बिस्तर ऑक्सीजन से लैस हैं और कौन से नहीं हैं.
देश में बीते एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 379,257 मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद कुल मामले 18,376,524 हो गए है. इसके अलावा इस महामारी की चपेट में आकर जाने गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 204,832 हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के 14.96 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 31.51 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप की वजह से दिल्ली में मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. एक शवदाह गृह पर पिता के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे व्यक्ति ने कहा कि अगर अस्पताल में आप मरीज़ को ऑक्सीजन नहीं दे पा रहे हैं, तब कम से कम श्मशान घाट पर कुछ जगह उपलब्ध करा दीजिए, ताकि लोग आराम से दुनिया छोड़ सके.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण से एक दिन में मरने वालों की संख्या पहली बार तीन हज़ार का आंकड़ा पार कर गई. संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 17,997,267 हो गए है और 201,187 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल 14.87 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं, जबकि 31.35 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में ये लगातार छठा दिन है, जब कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. देश में कुल मामलों की संख्या 17,636,307 हो गई है और अब तक 197,894 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 14.78 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं, जबकि 31.20 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
महाराष्ट्र के बीड ज़िले के अंबाजोगाई में स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ ग्रामीण राजकीय मेडिकल कॉलेज का मामला. मेडिकल कॉलेज के डीन ने कहा कि अस्पताल प्रशासन के पास पर्याप्त एंबुलेंस नहीं हैं, जिसके कारण ऐसा हुआ. जिला प्रशासन को तीन एंबुलेंस मुहैया कराने के लिए पत्र लिखा गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते साल 11 मार्च को कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया था. इससे पहले संगठन ‘महामारी’ शब्द के इस्तेमाल से बचता रहा था. विशेषज्ञों के मुताबिक, जब तब संगठन ने इसे महामारी घोषित किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी और वायरस अंटार्कटिका को छोड़ दुनिया के सभी महाद्वीपों में पहुंच चुका था.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि पिछले वर्ष के अंत में ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्वरूप के बारे में जो शुरुआती साक्ष्य मिले हैं, उनसे पता चला है कि वायरस का यह स्वरूप कहीं अधिक घातक हो सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि देश में लगाए जा रहे दो तरह के टीके वायरस के सभी स्वरूपों के लिहाज़ से प्रभावी हैं.
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के चलते ब्रिटेन में यह महामारी और भी ख़तरनाक रूप ले चुकी है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मार्च 2020 में लगाए लॉकडाउन की तरह ही संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है, जिसमें फरवरी माह के मध्य तक स्कूल और कारोबार बंद रहेंगे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ब्रिटेन से भारत लौटे कुल 20 लोग सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूप से संक्रमित पाए गए हैं. नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि भारत- ब्रिटेन के बीच विमान सेवाएं सात जनवरी तक स्थगित रहेंगी, जिसके बाद कड़े नियमों के तहत इनका संचालन किया जाएगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि राज्य सरकारों ने इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में क्वारंटीन कर दिया है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटीन किया गया है.
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार का पता चलने के बाद सोमवार को श्रेणी-4 के सख्त लॉकडाउन को लागू कर सभी अनावश्यक यात्राओं और कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. भारत में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार सतर्क है और घबराने की ज़रूरत नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक जनहित याचिका में कोविड-19 के मद्देनज़र लोगों को कीटाणुमुक्त करने के लिए रासायनिक सुरंगों के इस्तेमाल और इसके उत्पादन रोक लगाने की मांग की गई है. इस पर अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब कीटाणुनाशकों का छिड़काव हानिकारक है तो इस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया.