आम चुनाव अब नज़दीक हैं, ऐसे में भाजपा के अंदर से ही उठ रहे दलित सांसदों के विरोध के स्वर पार्टी नेतृत्व के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं.
गोरखपुर के नवनिर्वाचित सांसद प्रवीण निषाद ने आरोप लगाया कि जनपद से मुख्यमंत्री होने के नाते ज़िला प्रशासन योगी आदित्यनाथ के दबाव में है.
उत्तर प्रदेश उपचुनाव में मुंह की खाने के बाद भाजपा को लगने लगा है कि साल 2019 में उसकी चुनावी वैतरणी विकास से नहीं बल्कि दंगे और उससे होने वाले मतों के ध्रुवीकरण से पार लगेगी.
साक्षात्कार: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की ख़ास बातचीत.
स्वतंत्रता के आंदोलन में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं रही. आज़ादी के आंदोलन में हिस्सा लेने का उनका कोई इतिहास नहीं है इसीलिए वो समाजवाद के इतिहास को भी मिटाना चाहते हैं.
बीते दस महीनों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने औसतन प्रतिदिन 4 एनकाउंटर किए हैं. द वायर ने ऐसे 14 परिवारों से मुलाक़ात की, जिनका कोई सदस्य इस दौरान पुलिस एनकाउंटर में मारा गया.
सपा प्रमुख ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में सत्ता और धनबल का दुरुपयोग कर भाजपा ने सपा और बसपा के रिश्ते को और भी मजबूत कर दिया है.
हम भी भारत की 26वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के एक साल पूरे होने पर स्वतंत्र पत्रकार नेहा दीक्षित और द वायर के अजय आशीर्वाद से चर्चा कर रही हैं.
पिछले महीने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, बुढ़ाना विधायक उमेश मालिक और खाप नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुज़फ़्फ़रनगर दंगों से जुड़े 179 मामलों रद्द करने की सूची सौंपी थी.
भारतीय चीनी मिल संघ ने कहा कि वे समय पर किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करने में असमर्थ हैं.
यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि योगी सरकार सिर्फ मंदिर पर ध्यान दे रही है न कि गरीबों पर, जिन्होंने वोट देकर उसे सत्ता में पहुंचाया.
गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीटों के उपचुनाव में भाजपा की हार और सरकार की किरकिरी के बाद शुक्रवार देर रात प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा फेरबदल किया गया है.
गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: गोरक्षपीठ को निषादों का बताने वाले संजय उन चंद लोगों में हैं, जो गोरखपुर में रहते हुए हिंदू युवा वाहिनी को दंगा करने वाला, मुसलमानों, दलितों, अति पिछड़ों और निषादों पर अत्याचार करने वाला ‘संगठित गिरोह’ बताते रहे हैं.
जहां भाजपा सफल हो जाती है, वहां ये कथित ‘चाणक्य नीति’ का ढोल पीटते हैं, जहां विफल हो जाते हैं तो कहते हैं कि अति-आत्मविश्वास हमें ले डूबा.
गोरखपुर में सत्ताधारी दल के उपचुनाव में हारने की कहानी नई नहीं है.