मध्य प्रदेश के अलीराजपुर ज़िले का मामला है. इस मामले में बलात्कार के आरोपी सहित छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. नाबालिग की शिकायत पर दो मामले दर्ज किए गए हैं. पहला मामला बलात्कार के आरोपी के ख़िलाफ़, जबकि दूसरा मामला पीड़िता के परिजनों एवं रिश्तेदारों के विरुद्ध दर्ज किया गया है.
लॉकडाउन ख़त्म होने के एक साल बाद भी आयोग को हर महीने महिलाओं के विरुद्ध अपराध की दो हज़ार से अधिक शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें से लगभग एक चौथाई घरेलू हिंसा से संबंधित हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग को वर्ष 2019 में आयोग को घरेलू हिंसा से संबंधित 2,960 शिकायतें मिली थीं, जबकि 2020 में 5,297 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बीते साल यौन उत्पीड़न के आरोपी को पीड़िता से राखी बंधवाने के शर्त पर ज़मानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे निरस्त करते हुए कहा यह यौन उत्पीड़न के अपराध को कमतर करता है. कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामलों में ज़मानत देने के दिशानिर्देश भी दिए हैं.
दिल्ली के वसंत कुंज में पार्किंग संबंधी विवाद के सिलसिले में दो पक्षों ने एक दूसरे के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी. इन्हें रद्द करने की मांग की याचिका सुनते हुए अदालत ने कहा कि समय आ गया है कि इन धाराओं के तहत झूठी शिकायतें दर्ज कराने वालों पर कार्रवाई की जाए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है. इसमें 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है. रिपोर्ट में अंतरंग साथी द्वारा हिंसा को महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का सबसे अधिक व्याप्त रूप बताया गया है, जिससे 64 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं प्रभावित हैं.
कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार में मंत्री रमेश जारकिहोली ने एक आपत्तिजनक सीडी बरामद होने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद भाजपा सरकार के छह अन्य मंत्रियों ने अदालत का रुखकर मीडिया को उनके ख़िलाफ़ कोई भी अपमानजनक सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने से रोकने का अनुरोध किया था.
पुलिस ने बताया कि नेशनल बुक ट्रस्ट के मलयालम विभाग के एक संपादक के ख़िलाफ़ एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि संपादक से कथित यौन उत्पीड़न मामले में पूछताछ की गई है, लेकिन उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया गया है.
कर्नाटक विधानसभा के बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले जल संसाधन मंत्री रमेश जारकिहोली के ख़िलाफ़ इस तरह के आरोप लगने से बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार आलोचनाओं से घिर गई थी. राज्य में विपक्षी कांग्रेस और जेडीएस मंत्री के इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे.
उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले का मामला है. पुलिस ने बताया कि जिस आदमी की मौत हुई है. उन्होंने जुलाई, 2018 में मुख्य आरोपी गौरव शर्मा के ख़िलाफ़ छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया था. आरोपी जेल गया था, लेकिन उसके एक महीने बाद से वह ज़मानत पर है. हत्या के संबंध में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है.
शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी साल 2018 के एक मामले के संबंध में आई है, जहां मध्य प्रदेश के एक पूर्व जिला जज पर एक जूनियर महिला अधिकारी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. जज ने उनके ख़िलाफ़ हाईकोर्ट द्वारा शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
वीडियो: पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया है. प्रिया रमानी ने साल 2018 में ‘मीटू’ मुहिम के तहत तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
वीडियो: पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था. इस मामले में प्रिया रमानी को बरी कर दिया गया है.
2019 में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की एक कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसके बाद अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें फंसाने के किसी 'गहरे षड्यंत्र' की जांच शुरू की थी. अब इसे बंद करते हुए कोर्ट ने कहा कि दो साल बाद जांच के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड मिलना मुश्किल है.
पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि के मुक़दमे से बरी होने के बाद कहा कि उन्हें अच्छा लग रहा है कि अदालत के सामने उनका सच सही साबित हुआ. उन्हें बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि गरिमा के अधिकार की क़ीमत पर प्रतिष्ठा के अधिकार को संरक्षित नहीं किया जा सकता.
प्रिया रमानी ने साल 2018 में ‘मीटू’ मुहिम के तहत तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. अकबर द्वारा दायर मानहानि मामले से रमानी को बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि गरिमा के अधिकार की क़ीमत पर प्रतिष्ठा के अधिकार को संरक्षित नहीं किया जा सकता.