जन गण मन की बात की 295वीं कड़ी में विनोद दुआ भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ़्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं और राहुल गांधी के 1984 के दंगों को लेकर दिए गए बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
एमके स्टालिन को 2013 में द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और 2017 में द्रमुक का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था.
मीडिया बोल की 64वीं कड़ी में उर्मिलेश मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक और अनिल अंबानी द्वारा नेशनल हेराल्ड पर किए गए मानहानि के मुक़दमे पर स्वतंत्र पत्रकार नेहा दीक्षित और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से चर्चा कर रहे हैं.
राज्यसभा सांसद और शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादक संजय राउत ने कहा कि क्या वाजपेयी का निधन 16 अगस्त को ही हुआ था या उस दिन उनके निधन की घोषणा की गई जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस का भाषण बाधित न हो.
कर्नाटक के विजयपुरा से भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कहा, ‘केरल में लोगों ने खुले में गोवध किया. क्या हुआ? एक साल के भीतर इस तरह (बाढ़) की स्थिति उत्पन्न हो गई. जो भी हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा, उसे इसी तरह का परिणाम भुगतना पड़ेगा.’
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से जुड़े नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) और तीन मूर्ति भवन से संभावित छेड़छाड़ को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नाराजगी जाहिर की है.
पत्रकारिता से राजनीति में आए आशुतोष और आशीष खेतान का आम आदमी पार्टी में घटता कद और शीर्ष नेतृत्व से उनके संबंधों की स्थिति मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्विटर टाइमलाइन पर झलकती है.
जन गण मन की बात की 294वीं कड़ी में विनोद दुआ नरेंद्र मोदी, टीना फैक्टर और भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ विपक्ष की एकजुटता पर चर्चा कर रहे हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी और कांग्रेस नेता करुणा शुक्ला ने कहा कि अटल की अंतिम यात्रा में पांच किलोमीटर चलने के बजाय अगर नरेंद्र मोदी उनके दिखाए गए मार्ग पर चलें तो देश के लिए अच्छा होगा.
साक्षात्कार: 'द वायर' से विशेष बातचीत में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह कहते हैं कि विपक्ष की भूमिका में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से बेहतर काम करती है.
जन गण मन की बात की 292वीं कड़ी में भाजपा की भय की राजनीति और केंद्र सरकार के दक्षिण भारत के प्रति सौतेले व्यवहार पर चर्चा कर रहे हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो सत्ता की सीमाओं और ज़िम्मेदारियों को समझते थे.
मीडिया बोल की 63वीं कड़ी में उर्मिलेश केरल की बाढ़ विभीषिका की मीडिया कवरेज और अटल बिहारी वाजपेयी पर वरिष्ठ पत्रकार पूर्णिमा जोशी और जनता का रिपोर्टर के संपादक रिफ़त जावेद से चर्चा कर रहे हैं.
संपादकों का काम सत्ता के प्रचार के अनुकूल कंटेट को बनाए रखने का है और हालात ऐसे हैं कि सत्तानुकूल प्रचार की एक होड़ मची हुई है. धीरे-धीरे हालात ये भी हो चले हैं कि विज्ञापन से ज़्यादा तारीफ़ न्यूज़ रिपोर्ट में दिखाई दे जाती है.
जन गण मन की बात की 289वीं कड़ी में विनोद दुआ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक जीवन पर चर्चा कर रहे हैं.