नई निष्कासन सूची में जिन लोगों के नाम शामिल हैं ये वो लोग हैं जिनके नाम पिछले साल 30 जुलाई को जारी एनआरसी के मसौदे में शामिल थे, लेकिन बाद में वे इसके योग्य नहीं पाए गए.
मध्य प्रदेश के रतलाम-झाबुआ सीट से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार गुमानसिंह डामोर ने कहा कि मोहम्मद जिन्ना एक एडवोकेट और एक विद्वान व्यक्ति थे. अगर उस समय निर्णय लिया गया होता कि हमारा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना बनेगा तो इस देश के टुकड़े नहीं होते.
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था, जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम ही शामिल किए गए थे. इसमें 40,70,707 व्यक्तियों के नाम नहीं थे.
एक रैली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अवैध प्रवासी दीमक की तरह हैं. वे गरीबों को मिलने वाले अनाज खा रहे हैं, हमारी नौकरियां छीन रहे हैं.
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का दूसरा और अंतिम मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित किया गया था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे. इस मसौदे में 40,70,707 लोगों के नाम नहीं थे.
चुनावी ड्यूटी में केंद्रीय सशस्त्र बलों की भूमिका को देखते हुए दो सप्ताह तक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का कार्य रोकने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से अपील की गई थी.
असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 का भारी विरोध हो रहा है. यहां के वित्त मंत्री और पूर्वोत्तर के लिए भाजपा के मुख्य रणनीतिकार हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि यह जिन्ना की विरासत और भारत की विरासत के बीच की लड़ाई है.
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल नहीं किए गए 40.70 लाख लोगों में से अब तक 14.28 लाख व्यक्तियों ने ही प्राधिकारियों के यहां दावे और आपत्तियां दाख़िल की हैं. दावों और आपत्तियों की छानबीन की अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2019 होगी.
मंगलदोई ज़िले के 74 वर्षीय अध्यापक निरोद कुमार दास ने सुसाइड नोट में लिखा कि विदेशी के तौर पहचाने जाने के अपमान से बचने के लिए वे जान दे रहे हैं. 30 जुलाई को एनआरसी मसौदे के प्रकाशन के बाद राज्य में आत्महत्या की यह तीसरी घटना है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, त्रिपुरा, मिज़ोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के प्रमुख समाचार.
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पर एनआरसी मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश से घुसपैठियों को निकालने की शुरुआत असम से की जाएगी.
असम एनआरसी के मसौदे से छूट गए क़रीब 40 लाख लोगों के दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू होगी और यह अगले 60 दिन तक चलेगी.
30 जुलाई को एनआरसी का अंतिम मसौदा जारी होने के बाद चुनाव आयोग ने कहा था कि एनआरसी से नाम हटने का का मतलब मतदाता सूची से नाम हटना नहीं है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम, नगालैंड, मणिपुर और मेघालय के प्रमुख समाचार.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एनआरसी की विश्वसनीयता जांचने के लिए नमूना सर्वेक्षण कराना चाहते हैं. यह वेरिफिकेशन सर्वे उन दस फीसदी लोगों का होगा जिनकी जांच हो चुकी है.