नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन ने कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार महिलाओं के लिए न्याय और सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन उसकी यह मंशा बजट में नहीं दिखी.
आईआईएमसी में स्त्री शक्ति पर आयोजित एक संगोष्ठी में आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल ने कहा कि जौहर-शाखा की परंपरा का हिस्सा थी जिसमें महिलाएं विदेशी आक्रमणकारियों के हरम का हिस्सा बनने की बजाय क़ुर्बान हो जाना पसंद करती थीं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि नेता एक निश्चित सीमा तक चीज़ों में सुधार कर सकते हैं और चीज़ों में सुधार के लिए अपने हितों के त्याग करने की ज़रूरत होती है.
आरएसएस के मुखपत्र आॅर्गनाइज़र के 70 साल पूरा होने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने लिखी संपादकीय.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, नगालैंड, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय के प्रमुख समाचार.
कभी हाशिये पर रही हिंदुत्व की राजनीति आज मुख्यधारा की राजनीति बन चुकी है. संघ के लिए इससे बड़ी सफलता भला और क्या हो सकती है कि देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां नरम/गरम हिंदुत्व के नाम पर प्रतिस्पर्धा करने लगें.
नरेंद्र मोदी सरकार कई अहम मोर्चों, मसलन रोज़गार और निवेश पर नाकाम रही है. जैसा कि हमने उत्तर प्रदेश और अब गुजरात में देखा, जब बाकी सारी चीज़ें चुक जाती हैं, तब हिंदुत्व काम आता है.
आरएसएस प्रशिक्षण शिविर में पूर्व जज केटी थॉमस ने कहा, 'अगर किसी संगठन को आपातकाल से देश को मुक्त कराने के लिए क्रेडिट दिया जाना चाहिए, तो मैं आरएसएस को दूंगा.'
वीडियो: 2017 में भारत में हुई बड़ी राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं पर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेेसर अपूर्वानंद से अमित सिंह की बातचीत.
आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिए जाने के महाराष्ट्र की भाजपा सरकार के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल में अपने एक बयान में कहा था कि हिंदुस्तान में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है.
अगरतला में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, भारत में रहने वाले सभी हिंदू हैं तो उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, जीवन पद्धति है हिंदुत्व.
मोदी अगर सरदार पटेल को अपना नेता मानते हैं तो फिर उन्हें पटेल की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता पर अमल करते हुए हिंदू राष्ट्र के लिए हथियार उठाने का आह्वान करने वाले सिरफिरे पर कार्रवाई करनी चाहिए.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, मुल्क की ख़राब सूरत-ए-हाल से निपटना हर हिंदुस्तानी का फ़र्ज़ है. अगर मुल्क़ में ख़ुदा ना ख़ास्ता बरबादी आई तो वह हिंदू या मुसलमान नहीं देखेगी.
बीसियों साल से जिस तरह की विभाजनकारी राजनीति हो रही है, मीडिया के सहयोग से जिस तरह समाज में ज़हर बोया जा रहा है, उसकी फसल अब लहलहाने लगी है.