वीडियो: पिछले साल दक्षिण दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ कोरोना वायरस के प्रसार का एक केंद्र बनकर उभरा था. यहां तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में देश-विदेश से तमाम लोग शामिल हुए थे, जिनके ख़िलाफ़ संक्रमण फैलाने को लेकर केस दर्ज किया गया था. आरोपियों में शामिल कई विदेशी नागरिक आज भी अपने घर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
राज्यसभा के नए सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर सभापति वेंकैया नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा, तर्क-वितर्क और निर्णय लेना लोकतंत्र के मंत्र हैं तथा सदस्यों को सदन में व्यवधान का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है. इसमें 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है. रिपोर्ट में अंतरंग साथी द्वारा हिंसा को महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का सबसे अधिक व्याप्त रूप बताया गया है, जिससे 64 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं प्रभावित हैं.
चौंतीस हज़ार गिरफ़्तारियों के रिकॉर्ड और पांच सौ एफआईआर पर आधारित रिपोर्ट बताती है कि मध्य प्रदेश पुलिस ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान हाशिये पर रहने वाले समुदायों का अनुचित तरीके से अपराधीकरण करने में अपनी शक्तियों का मनमाना इस्तेमाल किया.
पूर्व स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव ने टीका लगवाने में हिचक के लिए ग़लत सूचना के प्रसार, इसे लेकर लोगों में स्थिति स्पष्ट न होने और कोरोना मामलों में गिरावट की वजह से बेसब्री ख़त्म होने को प्रमुख कारण बताया है. राव ने नियामक से टीके को लेकर उपयुक्त डाटा साझा करने और अभियान में निजी क्षेत्र को जोड़ने की वकालत भी की है.
कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रवासी मज़दूरों के सामने खड़ी हुईं समस्याओं को दूर करने के लिए श्रम मंत्रालय नीति आयोग की अगुवाई में एक नीति तैयार कर रही है. मसौदा नीति में कहा गया है कि प्रवासी मज़दूरों का राजनीतिक समावेश किया जाना चाहिए, ताकि राजनीतिक नेतृत्व को उनके लिए जवाबदेह ठहराया जा सके.
पिछले महीने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और एआईएडीएमके गठबंधन की पुष्टि की है. एआईएडीएमके नेता और राज्य के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने एक सभा में अल्पसंख्यकों को संबोधित करते हुए कहा है कि उन्हें एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन से डरने की ज़रूरत नहीं.
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र यवतमाल, अमरावती, अकोला, बुलढाना और वाशिम ज़िलों में कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं और दो जिलों में आंशिक लॉकडाउन लगाया है. वहीं मुंबई में बीएमसी ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके अनुसार पांच से ज़्यादा संक्रमितों वाली इमारतों को सील किया जाएगा.
वीडियो: दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र-छात्राओं ने मांग की है कि प्रशासन विश्वविद्यालय को फिर से खोल दे. छात्र-छात्राओं का कहना है कि कई शैक्षणिक संस्थान खोले जा रहे हैं, सभी गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है. इस मांग को लेकर छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया.
बीते दो महीनों- दिसंबर और जनवरी में मनरेगा के तहत नौकरी करने वाले परिवारों की संख्या उतनी ही रही, जितनी की पिछले साल अगस्त और सितंबर में थी, जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी.
गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम की ‘द इनइक्वैलिटी वायरस’ नाम की रिपोर्ट में कहा गया कि बीते एक साल में शिक्षा का स्वरूप ऑनलाइन होने से भारत में डिजिटल विभाजन से असमानता भी बढ़ी है. भारत के 20 फ़ीसदी सबसे ग़रीब परिवारों में से सिर्फ़ तीन प्रतिशत के पास ही कंप्यूटर और सिर्फ़ नौ फ़ीसदी के पास ही इंटरनेट की पहुंच रही.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने बताया कि दिसंबर 2020 तक लगभग 44 फीसदी असफल ट्रांसफरों को दुरुस्त नहीं किया गया. पीएम किसान योजना के तहत प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की धनराशि किश्तों में देशभर में योजना के पात्र किसान परिवारों को दी जाती है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि पिछले वर्ष के अंत में ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्वरूप के बारे में जो शुरुआती साक्ष्य मिले हैं, उनसे पता चला है कि वायरस का यह स्वरूप कहीं अधिक घातक हो सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि देश में लगाए जा रहे दो तरह के टीके वायरस के सभी स्वरूपों के लिहाज़ से प्रभावी हैं.
कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेताओं को उनकी आजीविका फिर शुरू करने के लिए सस्ते कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री स्वनिधि की शुरुआत की गई थी. अब कुछ बैंकों ने स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखकर लोन वसूलने में मदद करने को कहा है.
संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी से करीब विश्व में 1.9 अरब लोगों के लिए पौष्टिक भोजन जुटा पाना मुश्किल हो रहा है. नवीनतम अनुमानों के मुताबिक, दुनिया में 68.8 करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं और इनमें से आधे से ज़्यादा एशिया में हैं.