सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में अपने फैसले में सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में तीन महीने से अधिक समय तक हुए प्रदर्शन को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसे अस्वीकार्य बताया था, जिसके ख़िलाफ़ कुछ कार्यकर्ताओं ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
इस साल फरवरी में दिल्ली में सीएए के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन के दौरान कपिल गुज्जर ने हवा में फायरिंग की थी. बुधवार को कपिल ग़ाज़ियाबाद में भाजपा में शामिल हुए थे. बाद में पार्टी ने उनकी सदस्यता निरस्त करते हुए कहा कि उसे कपिल के फायरिंग के मामले से जुड़े होने की जानकारी नहीं थी.
अहमदाबाद में सीएए के ख़िलाफ़ धरना-प्रदर्शन आयोजित करने वाले कलीम सिद्दीक़ी को पुलिस ने नोटिस भेजकर पूछा है कि आपराधिक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण उन्हें दो साल के लिए अहमदाबाद सिटी सहित चार नज़दीकी ज़िलों से निर्वासित क्यों नहीं किया जाना चाहिए.
शाहीन बाग में गोली चलाने वाले कपिल बैंसला को अदालत ने पच्चीस हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. कपिल ने एक फरवरी की शाम को शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन स्थल के पास फायरिंग की थी.
पुलिस की यह तैनाती तब की गई है जब दक्षिणपंथी समूह हिंदू सेना ने एक मार्च को शाहीन बाग रोड खाली कराने का आह्वान किया. हालांकि शनिवार को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने शाहीन बाग में सीएए विरोधी आंदोलन के खिलाफ अपना प्रस्तावित प्रदर्शन वापस ले लिया.
भगवा रंग की टी-शर्ट और कुर्ते पहने पांच से छह व्यक्तियों ने उस समय नारे लगाने शुरू कर दिए जब ट्रेन राजीव चौक स्टेशन पर रुकने ही वाली थी. ट्रेन से उतरने के बाद भी इन लोगों ने सीएए के समर्थन में और ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…’ जैसे नारे लगाए. सीआईएसएफ के जवानों ने इन व्यक्तियों को रोककर उन्हें दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.
वीडियो: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 34 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इनमें दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल भी शामिल हैं. दिल्ली के कई अस्पतालों में इस हिंसा में घायल हुए लोगों का इलाज चल रहा है. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान 11 लोगों की मौत के संबंध में मंगलवार को 11 प्राथमिकी दर्ज की है. दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि कुछ हिस्सों से हिंसा की खबरें आ रही हैं. अब तक 20 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हो रही हिंसा में अब तक एक पुलिसकर्मी समेत 10 लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
मस्जिद के आस-पास के दुकानों को भी लूटा गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि लूटपाट करने वाले लोग उनके क्षेत्र के नहीं थे.
दिल्ली पुलिस का दावा है कि वे स्थिति को संभालने के लिए हिंसाग्रस्त इलाकों में अधिक फोर्स उतार रहे हैं हालांकि स्थिति संभलती हुई दिखाई नहीं दे रही है.
दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में से एक भजनपुरा में पहुंच कर जब द वायर ने स्थिति का जायजा लेना चाहा तो वहां मौजूद लोगों ने कैमरा चालू न करने की धमकी दी और कहा, ‘हम बात करेंगे लेकिन हमारा चेहरा कैमरे में नहीं आना चाहिए.’
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर-बाबरपुर-जाफराबाद इलाकों में भड़की हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत सात लोगों की मौत हो गई है. पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है.
मेरे फोन से फोटो डिलीट करवाते हुए एक व्यक्ति ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि हिंदू कब्जा कर लें. बहुत हुआ.’
जाफराबाद में सीएए विरोध स्थल शांत था लेकिन हिंदुत्व पक्ष में शोर और जश्न का माहौल था. वहीं, मौजपुर में हिंसा की सबसे बुरी खबरें सामने आई जहां दिन में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक शख्स पुलिस के सामने गोली चलाते हुए देखा गया था.