शंभूलाल जैसे मानव बम राजनीति और मीडिया ने ही पैदा किए हैं

बीसियों साल से जिस तरह की विभाजनकारी राजनीति हो रही है, मीडिया के सहयोग से जिस तरह समाज में ज़हर बोया जा रहा है, उसकी फसल अब लहलहाने लगी है.

भारत किसी ख़ास धर्म के लोगों का नहीं, तमाम ख़ूबसूरत फूलों का एक गुलदस्ता है: अब्दुल्ला

फारूक़ अब्दुल्ला ने संघ को दी उन्माद से बचने की नसीहत, कहा- धार्मिक आधार पर देश को बांटने का चलन राष्ट्रहित के लिए घातक. इधर आरएसएस के भैयाजी जोशी ने कहा, हिंदुत्व से बदलेगा समाज.

पाकिस्तान से इतनी ही नफ़रत है तो शपथ ग्रहण में नवाज़ शरीफ़ को कौन बुलाया था?

मुसलमान का डर दिखा कर हिंदू नौजवानों को बर्बाद किया जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि रोज़गार मत पूछो, पढ़ाई, अस्पताल मत पूछो, बस देखो कोई मुसलमान मुख्यमंत्री न बन जाए.

विकास के कथित पुजारी आख़िर में मंदिर राग क्यों गाने लगे?

लोकसभा चुनाव में पूरे देश में गुजरात मॉडल बेचा गया था, लेकिन गुजरात में अस्मिता, क्षेत्रीयता और अंतत: मंदिर मुद्दा बनता दिख रहा है. क्या विकास एक चुनावी झांसा है?

संप्रदायवादियों की दिलचस्पी धर्म में नहीं, उसके राजनीतिक इस्तेमाल में है: बिपन चंद्र

अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद वास्तविक मुद्दा नहीं हैं, क्योंकि जनता इस मुद्दे को लेकर शांतिपूर्ण रह रही है. वास्तविक मुद्दा सांप्रदायिकता का विकास और सांप्रदायिक संगठनों द्वारा सांप्रदायिक तनाव को हवा देना है.

अयोध्या एक शहर का नाम है जिसमें इंसान रहते हैं

यह वह अयोध्या नहीं है जिसको सार्वजनिक कल्पना में विहिप और भाजपा या दिल्ली के तथाकथित लिबरल्स व मार्क्सवादी बुद्धिजीवियों ने स्थापित किया है. यह एक सामान्य शहर है.

अयोध्या विवाद: इस देश की राजनीति धर्मनिरपेक्ष विरासत और संकल्प भूल चुकी है

देश के वामपंथी और समाजवादी बौद्धिकों ने धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का पूरा दारोमदार मंडलवादी और आंबेडकरवादी आंदोलनों पर डाल दिया लेकिन इन आंदोलनों ने देश को इतने भ्रष्ट नेता दिए कि उनके पास धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का नैतिक बल ही नहीं बचा.

छह दिसंबर हिंदुओं के लिए पश्चाताप, क्षमायाचना और आत्मचिंतन का दिन होना चाहिए

26 साल पहले आज ही के दिन स्वयं को रामभक्तों की सेना कहने वालों ने एक ऐसा जघन्य कृत्य किया था जिसके कारण पूरी दुनिया के सामने हिंदू धर्म का सिर हमेशा के लिए कुछ नीचे हो गया.

प्रधानमंत्री का काम यह नहीं कि फेंके गए कीचड़ को उठाकर दूसरे पर फेंक दें

वाजिब तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिशंकर अय्यर के बयान की आलोचना करने का हक़ है मगर औरंगजेब राज मुबारक कहकर वो भी अय्यर के स्तर पर आ गए.

‘औरंगज़ेबी’ तंज पर बोली कांग्रेस, बौखलाए पीएम कभी चीन-पाकिस्तान, कभी मुग़लकाल में पहुंच जाते हैं

गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल गांधी ने जीएसटी, महंगाई और बेरोज़गारी पर किए पीएम से सवाल, चिदंबरम का आरोप- गुजरात में सांप्रदायिक कार्ड खेल रही भाजपा.

‘नाना-परनाना की बजाय ये क्यों नहीं बताते कितने घर, रोज़गार, स्कूल-अस्पताल दिए?’

सोशल मीडिया: गुजरात चुनाव प्रचार में विकास की जगह राहुल के परनाना ने ले ली तो फेसबुक और ​ट्विटर पर लोगों ने प्रधानमंत्री की भाषा और ग़लतबयानियों पर जमकर चुटकी ली.

केंद्र सांप्रदायिकता रोकने में नाकाम, देश का धर्मनिरपेक्ष तानाबाना तबाह हो जाएगा: अब्दुल्ला

भाजपा बोली- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, इसे नहीं मानने वालों को पाकिस्तान में शरण लेनी होगी.

देश बांटने का जो काम पाकिस्तान 70 साल में नहीं कर पाया, भाजपा ने 3 साल में कर दिया: केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा, कांग्रेस की तरह ही भाजपा सरकार ने भी घोटालों की झड़ी लगा दी है. समय आ गया है कि भाजपा को भी उखाड़ फेंका जाए.

नेताओं को पता होना चाहिए कि उन्होंने देश नहीं बनाया, जनता ने बनाया है: जावेद अख़्तर

मशहूर शायर व गीतकार ने कहा, टीपू सुल्तान भारतीय नहीं थे और अगर मैं इससे सहमत नहीं, तो मैं राष्ट्रद्रोही बन जाऊंगा, तो मैं राष्ट्रद्रोही हूं.