आरटीआई संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने केंद्रीय सूचना आयोग के पांच महत्वपूर्ण आदेशों का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि सरकार सीआईसी को पीएमओ की कठपुतली बनाना चाह रही है.
आरटीआई संशोधन विधेयक में प्रावधान किया गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों तथा राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवं राज्य सूचना आयुक्तों के वेतन, भत्ते और सेवा काल केंद्र सरकार द्वारा तय किए जाएंगे.
वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सूचना का अधिकार कानून में संशोधन करने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक की धीरज मिश्रा से बातचीत.
वीडियो: नई दिल्ली में बैठक कर सात पूर्व सूचना आयुक्तों ने आरटीआई कानून में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन का कड़ा विरोध किया है. इनका कहना है कि सरकार का ये कदम सूचना आयुक्तों की स्वतंत्रता और स्वायत्तता पर हमला है.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है लेकिन यदि देश के लोग आरटीआई कानून की शुचिता की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरें तो वह उनका साथ देने के लिए तैयार हैं.
कार्यकर्ताओं का कहना है कि मोदी सरकार को सूचना का अधिकार क़ानून में संशोधन करने के बजाय सूचना आयोगों में आयुक्तों की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि आरटीआई क़ानून और मज़बूत बने.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आरटीआई कानून देश के लोकतंत्र की बहुत बड़ी उपलब्धि थी और इसने सरकार के हितों को कई बार चुनौती दी है.
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने कहा कि इस कानून को लोकसभा में लम्बी बहस और विचार विमर्श के बाद पास किया गया था और मौजूदा सरकार का नया बदलाव सूचना के अधिकार को बेहद कमजोर करने वाला है.
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा से पारित हुए आरटीआई संशोधन विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि इस कानून को व्यापक विचार-विमर्श के बाद बनाया है और संसद ने इसे सर्वसम्मति से पारित किया. अब यह खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है.
वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) क़ानून में प्रस्तावित संशोधन के ख़िलाफ़ दिल्ली में लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में कई सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, विपक्षी दलों के सांसद और विभिन्न राज्यों से आए लोग शामिल थे.
सांसदों को लिखे एक पत्र में पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा, 'मैं संसद के प्रत्येक सदस्य से अनुरोध करता हूं कि वे आरटीआई को बचाएं और सरकार को सूचना आयोगों और इस मूल्यवान अधिकार को मारने की अनुमति न दें.'
साल 2018-19 में सीआईसी और आरटीआई मद में नौ करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. लेकिन इस बार ये राशि घटाकर 5.5 करोड़ कर दी गई.
इस साल मई तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक विभिन्न परियोजनाओं के लिए 28,451 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी गई, लेकिन उनमें से केवल 25 फीसदी राशि ही ख़र्च की जा सकी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकसभा सचिवालय द्वारा जानकारी नहीं देने के लिए संसद के विशेषाधिकार की दलील को सिरे से ख़ारिज कर दिया और याचिकाकर्ता के सूचना का अधिकार को बरक़रार रखा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आयकर रिफंड की सूचना मांगने पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने ब्योरा देने से इनकार करते हुए कहा कि सूचना के अधिकार कानून के तहत इसकी जानकारी देने की ज़रूरत नहीं है.