बुलंदशहर में तीन दिसंबर 2018 को कथित गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी. हिंसा में सुमित की भी मौत हो गई थी, जिसे बाद में पुलिस ने सुबोध कुमार सिंह की हत्या का आरोपी बनाया था.
बीते बृहस्पतिवार को भी जहानाबाद के अरवाल मोड़ के पास जब मूर्तियां विसर्जन के लिए ले जाई जा रही थीं, तब जुलूस पर पत्थर फेंका गया था. इसके बाद दोनों पक्ष में भारी पथराव हुआ और 14 लोग घायल हो गए थे.
जयंती विशेष: जिस दौर में गांधी को ‘चतुर बनिया’ की उपाधि से नवाज़ा जाए, उस दौर में ये लाज़िम हो जाता है कि उनकी कही बातों को फिर समझने की कोशिश की जाए और उससे जो हासिल हो, वो सबके साथ बांटा जाए.
आज हमारे सामने ऐसे नेता हैं जो केवल तीन काम करते हैं: वे भाषण देते हैं, उसके बाद भाषण देते हैं और फिर भाषण देते हैं. सार्वजनिक राजनीति से करनी और कथनी में केवल कथनी बची है. गांधी उस कथनी को करनी में तब्दील करने के लिए ज़रूरी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए यह फ़ैसला दिया है. मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इसमें बदलाव करते हुए कहा था कि इस एक्ट में मामला दर्ज होने पर फौरन गिरफ़्तारी नहीं होगी और प्रारंभिक जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो: भगत सिंह की जयंती पर उनके विचारों पर चर्चा कर रहे हैं प्रोफेसर अपूर्वानंद.
ऐसा लगता है कि भगत सिंह के प्रति श्रद्धा वास्तव में गांधी-नेहरू से घृणा का दूसरा नाम है. जिनके वैचारिक पूर्वज ख़ुद को बचाते हुए अपने अनुयाइयों को भगत सिंह से दूर रहने की सलाह देते हुए दिन गुज़ारते रहे, उन्होंने अपनी कायर हिंसा को उचित ठहराने के लिए आज भगत सिंह को एक ढाल बना लिया है.
वीडियो: हम भी भारत की इस कड़ी में युवा कवि नवीन चौरे से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद हिरासत में लिए गए घाटी के 285 लोगों को उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में रखा गया है. आगरा के केंद्रीय कारागार के 1933 कैदियों में 85 कश्मीर घाटी से लाए गए कैदी हैं. हालांकि, आगरा के केंद्रीय कारागार की कुल स्वीकृत क्षमता केवल 1,350 है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के एक महीने बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि अगर कुछ प्रतिबंधों से आप किसी की ज़िंदगी बचा सकते हैं तो उससे अच्छा क्या हो सकता है? लोग ज़िंदगी के साथ स्वतंत्रता की बात कहते हैं लेकिन मैं कहता हूं कि ज़िंदगी पहले आती है, स्वतंत्रता बाद में.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में असिहष्णुता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, कुछ समूहों द्वारा पैदा की गई घृणा तथा भीड़ द्वारा कानून अपने हाथ में लेने से जुड़ी हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में 2013 को हुए दंगों में हत्या के गवाहों के अपने बयान से मुकर जाने के बाद अदालत ने सभी 10 मुक़दमों के आरोपियों को रिहा कर दिया. मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में 65 लोगों की मौत हुई थी.
क़ानून का राज होने के बाद भी भीड़ का राज क़ायम है. इस भीड़ को धर्म, जाति और परंपरा के नाम पर छूट मिली है. किसी औरत को डायन बताकर मार देती है, जाति तोड़कर शादी करने वालों की हत्या कर देती है. इसी कड़ी में अब यह शामिल हो गया है कि अपराध करने वाला या झगड़े की ज़द में आ जाने वाले मुसलमान को जय श्री राम के नाम पर मार दिया जाएगा.
भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को हिंसा से संबंधित रिपोर्ट सौंपगा. पश्चिम बंगाल के भाटपारा में बीते 20 जून को दो समूहों के बीच हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी. माना जा रहा है कि दोनों समूहों के लोग तृणमूल कांग्रेस और भाजपा से जुड़े हुए थे.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में 27 अगस्त 2013 को छह लोगों ने शाहनवाज़ की चाकू मारकर हत्या कर दी थी. शाहनवाज़ की हत्या और एक अन्य घटना में दो युवकों की मौत के बाद मुज़फ़्फ़रनगर और आसपास के इलाके में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, जिसमें 60 लोग मारे गए थे और तकरीबन 40,000 लोग बेघर हुए थे.