अगस्त 2017 में नीति आयोग से इस्तीफा देने वाले अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि आप आरसीईपी बाहर नहीं रह सकते हैं क्योंकि इसका मतलब होगा कि हम जो भी उन 15 देशों के बाजारों में निर्यात करेंगे उन पर भारी शुल्क लगेगा. वहीं, वे बिना किसी रोक-टोक के अपना सामान निर्यात करेंगे. इससे हमारे निर्यातकों को बहुत नुकसान होगा.
सुरजीत भल्ला का इस्तीफ़ा ऐसे समय में आया है जब बीते 15 महीनों में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम समेत 3 अर्थशास्त्री सरकार का साथ छोड़ चुके हैं.
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच जारी गतिरोध पर कहा कि आरबीआई को अमेरिका के फेडरल रिज़र्व बैंक की तरह स्वतंत्रता नहीं है.
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि भारत के माहौल को देखते हुए ऐसी कोई चीज़ जो अभी अस्तित्व में न हो, उसकी घोषणा करने से पहले कोई और प्रधानमंत्री दो-तीन बार सोचता.
जल्दी रिटायर करने और पेंशन ख़त्म करने की नीतियों के समर्थक पनगढ़िया जी 65 साल की उम्र में स्थायी नौकरी की तलाश करते रहे.
नीति आयोग के गठन के बाद पांच जनवरी, 2015 को पनगढ़िया को पहला उपाध्यक्ष बनाया गया था.