कृषि मामलों के विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि किसान क़र्ज़ माफ़ी के हकदार हैं. इससे निश्चित तौर पर किसानों को राहत मिली है लेकिन यह थोड़ी ही है, किसानों के लिए देश में बहुत कुछ और करने की आवश्यकता है.
सरकार सरकारी बैंकों में एक लाख करोड़ रुपये क्यों डाल रही है? किसान का लोन माफ़ करने पर कहा जाता है कि फिर कोई लोन नहीं चुकाएगा. यही बात उद्योगपतियों के लिए क्यों नहीं कही जाती?
अमेरिका के राष्ट्रीय आर्थिक शोध ब्यूरो द्वारा जारी एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि नोटबंदी के बाद 2016 में नवंबर-दिसंबर महीने के दौरान रोजगार सृजन में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वे नियमित तौर पर प्रेस से बात करते थे और हर विदेश यात्रा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे. सिंह के इस बयान को मीडिया से बातचीत न करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है.
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके जय नारायण व्यास ने नवनियुक्त रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मेरे हिसाब से बैंक का प्रमुख एक योग्य अर्थशास्त्री होना चाहिए.
नोटबंदी के दो साल बाद प्रमुख बैंकर उदय कोटक ने 2000 रुपये का नोट लाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आप 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर रहे हैं, तो उससे बड़ा नोट लाने की क्या ज़रूरत थी?
चुनाव आयोग द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के दौरान कालेधन की व्यापक पैमाने पर धरपकड़ हुई है. अवैध रकम के अलावा शराब, मादक द्रव्य और कीमती जेवरात बरामद किए गए हैं.
ओपी रावत ने कहा कि चुनावों के दौरान भारी मात्रा में पैसे पकड़े गए हैं. मौजूदा समय में, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में लगभग 200 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.
अर्थशास्त्र का नियम है कि ज़्यादा निवेश, बढ़ी हुई जीडीपी का कारण बनता है, ऐसे में निवेश-जीडीपी अनुपात में कमी आने के बावजूद जीडीपी में बढ़ोतरी कैसे हो सकती है?
देश की आर्थिक वृद्धि दर इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही ‘अप्रैल-जून’ में 8.2 प्रतिशत रही. पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही ‘जनवरी-मार्च’ में यह 7.7 प्रतिशत रही.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए नोटों के काग़ज़ की गुणवत्ता पुराने नोटों से काफी ख़राब है इसलिए ये नोट जल्दी ख़राब होने लगे हैं.
कृषि मंत्रालय ने 20 नवंबर को संसदीय समिति को दी गई वह रिपोर्ट वापस ले ली, जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के चलते किसान खाद और बीज नहीं खरीद सके थे. समिति को दी गई नई रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा है कि नोटबंदी का कृषि क्षेत्र पर अच्छा असर पड़ा.
बेंगलुरु में एक स्कूली कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री होने के नाते मुझे लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 5-6 हज़ार अरब डॉलर की होनी चाहिए.
पिछले कुछ समय में नूर ने अपनी रिपोर्ट्स से देश के ऊर्जा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया था. इन्हीं में से एक रिपोर्ट पर देश के बड़े कॉरपोरेट घराने द्वारा मानहानि का मुकदमा भी किया गया है.
कृषि मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि नोटबंदी की वजह से किसानों को खाद और बीज खरीदने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था.