हांगकांग पुलिस ने लोकतंत्र समर्थक अख़बार ‘एप्पल डेली’ के प्रधान संपादक और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को विदेशी ताकतों से साठगांठ करने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत बृहस्पतिवार को गिरफ़्तार कर लिया. पुलिस ने कहा कि उसके पास पुख्ता सबूत हैं कि एप्पल डेली द्वारा प्रकाशित 30 से अधिक आलेखों ने चीन और हांगकांग के ख़िलाफ़ विदेशी ताकतों की साज़िश में ‘अहम भूमिका’ निभाई.
लोकप्रिय टेबलॉयड ‘एप्पल डेली’ के मालिक जिम्मी लाय हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में आवाज़ उठाने वाली प्रमुख हस्ती हैं और लगातार चीन के निरंकुश शासन की आलोचना करते रहे हैं.
वैश्विक आक्रोश और हांगकांग में नाराज़गी के बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून पर हस्ताक्षर कर दिए, जो कि हांगकांग के संबंध में बीजिंग को नई शक्तियां प्रदान करता है.
द वायर के साथ एक विशेष साक्षात्कार में सफ़िया अब्दुल्ला ख़ान ने बताया कि उनके पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला पर पीएसए लगाए जाने से पूरा परिवार हैरान है.
भाजपा मतदाताओं को यह दिखाने के लिए कि वह आतंक पर सख़्त है, उस मौजूदा कश्मीर नीति से छेड़छाड़ कर रही है, जो अलगाववादियों के साथ सामंजस्य लाने के उद्देश्य से बनाई गई थी. एक ऐसी नीति, जो राज्य को बर्बादी की कगार से वापस लाई थी.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ के अलावा शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट की भी सुरक्षा वापस ले ली है.
राज्य के गृह विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, जेल परिसर में करीब 300 मोबाइल फोनों का संचालन हो रहा है. रिपोर्ट को समय-समय पर गृह विभाग भेजा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कश्मीर मामले पर पूर्व वार्ताकार एमएम अंसारी ने कहा, पहले वार्ताकारों की टीम सर्वदलीय शिष्टमंडल के सुझाव पर बनी थी, जबकि मौजूदा वार्ताकार सरकार के प्रतिनिधि हैं.
कश्मीर मसले के हल के लिए भारत सरकार द्वारा वार्ताकार नियुक्त करने पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.
वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा सिर्फ़ अलगाववादियों से ही वार्ता नहीं कर रहे. उन्हें प्रदेश सरकार में शामिल भाजपा से भी जूझना होगा, जो अलगाववादियों को रियायत देने के बिल्कुल ख़िलाफ़ है.
यूपीए कार्यकाल में कश्मीर पर गठित वार्ताकार समिति के अध्यक्ष रहे दिलीप पडगांवकर इस बात से आहत थे कि कैसे सरकार ने उनकी सिफ़ारिशों को कूड़ेदान में डाल दिया.
अलगाववादी नेता ने कहा, उदारवादी अलगाववादियों की दिक्कत यह है कि भारत कश्मीर समस्या को पूरी तरह पाकिस्तान की देन मानता है और इसे सीमापार आतंकवाद के ऩजरिये से देखता है.
मुख्यमंत्री ने कहा, कश्मीर घाटी में एनआईए के छापे और अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी कश्मीर समस्या का हल नहीं, अस्थायी उपाय है.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल संघर्ष और हिंसा के चलते तकरीबन साढ़े चार लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
कश्मीर में साल 1990 से लेकर 9 अप्रैल 2017 तक की अवधि में मौत के शिकार हुए लोगों में स्थानीय नागरिक, सुरक्षा बल के जवान और आतंकवादी शामिल हैं.