सितंबर 2020 में भारत सरकार द्वारा मज़दूरों के हित का दावा करते हुए लाए गए सामाजिक सुरक्षा क़ानून में असंगठित मज़दूरों के लिए बहुत कुछ नहीं है, जबकि देश के कार्यबल में उनकी 91 प्रतिशत भागीदारी है.
ऐसे समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग तबाह हो चुकी है, तब सुधारों के नाम पर किसानों और कामगारों के बीच उनकी आय को लेकर आशंकाएं और मानसिक परेशानियां पैदा करना सही नहीं है.
कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र हुए लॉकडाउन के बाद राजस्थान में खानें भी बंद हो गई थीं. अप्रैल से राज्य सरकार ने खनन कार्य की अनुमति दी थी, लेकिन अधिकतर मज़दूर घर लौट गए हैं या फिर उनके पास खान तक पहुंचने का साधन नहीं है.
बढ़ी हुई मज़दूरी के तहत अकुशल कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन 14,842 रुपये मासिक, अर्द्धकुशल कर्मचारियों के लिए 16,341 रुपये तथा कुशल श्रमिकों के लिए 17,991 रुपये मासिक तय किया गया है.