केयर फाउंडेशन और प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल इन इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि 65 फीसदी घरों में विविध प्रकार के पोषक आहार उपलब्ध हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में केवल 13 प्रतिशत परिवार ही आठ महीने से डेढ़ वर्ष के बच्चों को उपयुक्त पोषक तत्व दे रहे हैं.
मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: किशोर लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए लॉन्च की गई किशोरी शक्ति योजना को मोदी सरकार ने एक अप्रैल 2018 को बंद कर दिया. अब इस दिशा में सबला योजना चलाई जा रही है लेकिन इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या छह गुना कम हो गई.
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के स्कूलों में कुपोषण की शिकार बच्चों की संख्या सबसे ज़्यादा गोवंडी, ख़ार और कुर्ला में है.