पटना एम्स के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड वॉर्ड में ड्यूटी पर कर रहे डॉक्टरों को हफ्ते भर के रोटेशनल क्वारंटीन में रखा जाए. डॉक्टरों ने उनकी मांगे पूरी करने के लिए अस्पताल प्रशासन को पांच दिन की समयसीमा देते हुए इसके बाद हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, कोरोना वायरस के डर से डॉक्टरों और अन्य अर्द्धचिकित्साकर्मियों पर किराये के घर खाली करने का दबाव बनाना इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई की जड़ पर वार करता है और यह आवश्यक सेवाओं में बाधा उत्पन्न करने के बराबर है.
राजधानी दिल्ली समेत देश के कुछ हिस्सों से कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में लगे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को उनके किराये के मकानों से निकाले जाने की ख़बरें आ रही हैं. लोगों का कहना है कि इनसे वायरस फैलने का ख़तरा है. एम्स के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन ने गृह मंत्री को पत्र लिख इसकी शिकायत की है.
पश्चिम बंगाल के कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 75 वर्षीय बुज़ुर्ग की मौत हो गई थी, जिसके बाद बुज़ुर्ग के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दो जूनियर डॉक्टरों की पिटाई कर दी थी.