केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने यह बयान दिया है. इससे पहले मई 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बनने से इनकार करते हुए जदयू ने समानुपातिक भागीदारी की मांग की थी.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ये बयान ऐसे मौके पर आया है जब कुछ दिन पहले ही अरुणाचल प्रदेश में जदयू के सात में से छह विधायक भाजपा में शामिल हो गए. इस पर जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि साझेदारों को वैसी गठबंधन राजनीति का पालन करना चाहिए जैसा अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल या पिछले 15 वर्षों से बिहार में किया गया.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसे उनकी पार्टी जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के आख़िरी दिन अन्य सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया.
17 साल तक राजग का हिस्सा रही जदयू 2013 में गठबंधन से बाहर हो गई थी.