सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के सहकारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राज नारायण सिंह की हत्या के आरोपी की ज़मानत के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि आज़ादी महत्वपूर्ण है, लेकिन लंबा आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले लोगों की ज़मानत मंजू़र करते वक़्त कोर्ट को गवाहों और पीड़ितों के लिए संभावित ख़तरे पर विचार करना चाहिए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 357 के तहत अदालत द्वारा पीड़ित व्यक्तियों को मुआवज़ा देने का प्रावधान है, जिसका पालन करना अनिवार्य है. यह सभी अदालतों का कर्तव्य है कि वह आपराधिक मामले में उचित एवं निष्पक्ष मुआवज़े पर विचार कर इसका आदेश दे.
सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत सामान्य तौर पर तब तक समाप्त नहीं किए जाने की जरूरत है जब तक अदालत द्वारा उसे समन किया जाए या आरोप तय किए जाएं. हालांकि यह अदालत पर निर्भर है कि ‘विशेष या खास’ मामलों में इसकी अवधि तय करे.
गुजरात की आणंद सीट से भाजपा प्रत्याशी मितेश पटेल ने अपने चुनावी हलफ़नामे में घोषणा की है कि वह गोधरा कांड के बाद 2002 में राज्य में हुए दंगों से जुड़े मामले में आरोपी हैं. उन पर दंगा करने, पथराव, चोरी और आगज़नी में शामिल होने समेत अन्य आरोप हैं.