उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर, चंदौली, डुमरियागंज, मऊ के साथ बिहार के सारण और महाराजगंज में ईवीएम की संदिग्ध आवाजाही का आरोप लगाया गया है. चुनाव आयोग ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा ने ईवीएम की विश्वसनीयता को संदेह से परे बताते हुए इसके संचालन से जुड़े कर्मचारियों के माकूल प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बरकरार रखने की आयोग को नसीहत दी है.
एक कथित साइबर हैकर ने दावा किया था कि उसने 2014 के चुनाव के दौरान ईवीएम हैक किया था. हैकर के दावे को ख़ारिज करते हुए चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में केस दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था.
लंदन में हुई हैकर सैयद शुजा की प्रेस कॉन्फ्रेंस को दो हिस्से में देखा जाना चाहिए. एक ईवीएम को छेड़ने की तकनीक के रूप में, जिस पर हंसने वालों के साथ हंसा जा सकता है, मगर दूसरा हिस्सा हत्याओं के सिलसिले का है. एक कमरे में ईवीएम छेड़ने की तकनीकी जानकारी रखने वाले 11 लोगों को भून दिया जाए, यह बात फिल्मी लग सकती है तब भी इस पर हंसा नहीं जा सकता.
चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि ईवीएम हैक करने का दावा दुर्भावना से प्रेरित है. इन दावों को आयोग ख़ारिज करता है. क़ानूनी कार्रवाई पर किया जा रहा विचार.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा, कांग्रेस और भाजपा दोनों ईवीएम पर हमले के दोषी हैं.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने ईवीएम चुनौती के मौजूदा स्वरूप पर सवाल करते हुए हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है.