सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 दिसंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत डॉ. कफ़ील ख़ान की हिरासत को रद्द करने और उन्हें तत्काल रिहा किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था. इस फ़ैसले पर डॉ. कफ़ील ने द वायर से बातचीत की.
उत्तर प्रदेश के नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत शाहजहांपुर ज़िले का यह पहला मामला है. महिला का आरोप है कि युवक ने हिंदू के तौर पर ख़ुद की उनसे पहचान कराई. बाद में धर्म परिवर्तन कराकर निकाह करने का दबाव बनाया.
मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के कांठ कस्बे का है. बीते पांच दिसंबर को यहां पुलिस ने नए धर्मांतरण क़ानून के तहत 25 वर्षीय राशिद और उनके भाई को गिरफ़्तार कर लिया था. राशिद को जब पुलिस ने गिरफ़्तार किया उस वक़्त वह अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने जा रहे थे.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर का मामला. मुस्लिम युवक के ख़िलाफ़ पहले से शादीशुदा महिला से शादी करने को लेकर धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहा कि महिला वयस्क हैं और वह अपना भला-बुरा अच्छी तरह समझती हैं.
उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को ठाकुर जाति के चार युवकों ने कथित तौर पर एक दलित युवती से बलात्कार कर बेरहमी से मारपीट की थी, जिसके बाद इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. सीबीआई ने अभियुक्तों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप भी लगाए हैं.
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, भाकियू नेताओं सहित किसान नेता किसानों को उकसा रहे हैं व झूठी ख़बरें फैला रहे हैं, जिससे इलाके में शांति भंग हो सकती है. नेताओं ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे बैठकों के माध्यम से लोगों को नए कृषि क़ानून समझा रहे हैं. उन्होंने बॉन्ड भरने के नोटिस को उत्पीड़न क़रार दिया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रासुका के तहत गिरफ़्तार किए गए डॉ. कफ़ील ख़ान की हिरासत रद्द कर उन्हें तत्काल रिहा किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी, जिसे सीजेआई एसए बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ द्वारा ख़ारिज कर दिया गया.
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया ‘लव जिहाद' कानून और कुछ नहीं मनुस्मृति का ही नया रूप है, जो महिलाओं को समुदाय की संपत्ति मानकर ग़ुलाम बनाता है और संघर्षों से हासिल किए हुए अधिकारों को फिर छीन लेना चाहता है. यह जितना मुस्लिम विरोधी है, उतना ही हिंदू महिलाओं और दलितों का विरोधी भी है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में कथित रूप से आर्थिक तंगी के चलते दो प्रवासी मज़दूर समेत पांच लोगों ने फ़ांसी लगाकर आत्महत्या की. वहीं हमीरपुर ज़िले में कर्ज़ वापस न कर पाने से परेशान एक किसान के ख़ुदकुशी करने का मामला सामने आया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यूपी में हर पार्टी की सरकार आई लेकिन अपने घर भरने के सिवाय किसी ने प्रदेश के लिए कुछ भी नहीं किया. आज छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए यूपी के लोगों को दिल्ली क्यों आना पड़ता है? क्या भारत का सबसे बड़ा राज्य, भारत का सबसे बड़ा विकसित राज्य नहीं बन सकता?
मामला मुरादाबाद का है, जहां पांच दिसंबर को पुलिस ने नए धर्मांतरण क़ानून के तहत 25 वर्षीय राशिद और उनके भाई को गिरफ़्तार कर राशिद की गर्भवती पत्नी पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया था. पिंकी ने वहां इंजेक्शन देकर गर्भपात किए जाने का आरोप लगाया है, हालांकि डॉक्टरों ने ऐसा होने से इनकार किया है.
यूपी पुलिस ने बीते अक्टूबर में हाथरस जा रहे केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. राज्य सरकार ने कोर्ट में दावा किया है कि कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं. केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
मामला बिजनौर का है, जहां एक दिहाड़ी मज़दूर अफ़ज़ल को प्रदेश में लागू हुए नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने अफ़ज़ल पर अपहरण का आरोप भी लगाया है.
मामला मैनपुरी के फरंजी का है, जहां बीते जून में 24 वर्षीय चांदनी ने परिवार की इच्छा के ख़िलाफ़ प्रतापगढ़ के अर्जुन जाटव से मंदिर में विवाह किया था. पुलिस ने बताया कि बीते शुक्रवार चांदनी का शव फरंजी में परिवार के खेत में दफ़न मिला. हत्या के आरोप में उनके दो भाइयों और मां को हिरासत में लिया गया है.
साल 2007 में दो सड़क दुर्घटनाओं में आठ लोगों की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर हमला करने और पुलिस की एक जीप जला देने के मामले में 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें भाजपा नेता और रामपुर में मिलक नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष दीक्षा गंगवार और उनके पति नरेंद्र सिंह गंगवार भी शामिल थे.