गोधरा ट्रेन नरसंहार के अगले दिन 28 फरवरी 2002 की रात को सरदारपुरा गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के 33 लोगों को ज़िंदा जला दिया गया था, जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे.
गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को आग लगा दी गई थी. इसमें 59 लोगों की जान गई थी, जिनमें से सात लोगों की अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई. इस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था.
गोधरा स्टेशन पर 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे.
27 फरवरी, 2002 को हुए गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में 20 अन्य को सुनाई गई उम्रक़ैद की सज़ा बरक़रार.