अमेरिकी सांसद इससे पहले जम्मू कश्मीर के हालात देखने के लिए वहां जाना चाहते थे, हालांकि भारत सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी.
भारत सरकार से जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत न मिलने के बावजूद अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद क्रिस वान हालेन इस हफ्ते भारत आए. उन्होंने अधिकारियों और नागरिक समाज के लोगों से मुलाकात की.
राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके नेता वाइको ने अपनी हैबियस कॉर्पस याचिका में पिछले चार दशकों से ख़ुद को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला का क़रीबी दोस्त बताते हुए कहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता को अवैध तरीके से हिरासत में रखकर उन्हें संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया गया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और क्षेत्र में हाल का घटनाक्रम पूरी तरह से देश का ‘अंदरुनी मामला’ है.
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने करीब 40 मिनट के भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाने से पहले तीन वैश्विक मुद्दों को उठाया जिसमें जलवायु परिवर्तन, अमीरों का भ्रष्टाचार और इस्लामोफोबिया शामिल थे.
राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके के संस्थापक वाइको ने अपनी याचिका में कहा कि फारूक अब्दुल्ला पर कार्रवाई पूरी तरह से अवैध और मनमानी है. ये उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है.
राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके के संस्थापक वाइको ने अपनी याचिका में कहा कि फारूक अब्दुल्ला पर कार्रवाई पूरी तरह से अवैध और मनमानी है. ये उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है.
कश्मीर में मानवाधिकार स्थिति को लेकर अमेरिका के दो सांसदों ने चिंता जाहिर करते हुए विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से अपील की है कि वह कश्मीर में संचार माध्यमों को तत्काल बहाल करने और हिरासत में लिए गए सभी लोगों को छोड़ने के लिए भारत सरकार पर दबाव डालें.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत ने आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने पर वरिष्ठ पत्रकार मनोज जोशी, पूर्व भारतीय राजदूत मीरा शंकर और हिंदुस्तान टाइम्स के पॉलिटिकल एडिटर विनोद शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.
चीन और पाकिस्तान के अनुरोध पर शुक्रवार को जम्मू कश्मीर मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक हुई. भारत ने कहा कि सुरक्षा परिषद बैठक समाप्त होने के बाद हमने पहली बार देखा कि दोनों देश (चीन और पाकिस्तान) अपने देश की राय को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की राय बताने की कोशिश कर रहे थे.
250 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं ने बयान जारी कर कहा कि जम्मू कश्मीर में भारत सरकार के फैसले दिखाते हैं कि उनके मन में संविधान, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कोई सम्मान नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र राजनयिक ने बताया कि चीन ने सुरक्षा परिषद की कार्यसूची में शामिल ‘भारत-पाकिस्तान सवाल' पर चर्चा की मांग की है. यह मांग पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को लिखे पत्र के संदर्भ में की गई है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में हुए शिमला समझौते का जिक्र किया, जिसमें कश्मीर में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया गया है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की सेना भारत को ‘असंतुलित’ करने की कोशिश के तहत आतंकवादी संगठनों की लगातार मदद कर रही है.