विवादित कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर हज़ारों किसान क़रीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.
75 वर्षीय किसान जोरावर सिंह पंजाब में पिछले साल एक अक्टूबर से शुरू हुए रेल रोको अभियान के बाद से ही किसान आंदोलन से जुड़े हुए थे. नवंबर से वह दिल्ली आ गए थे. जोरावर भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के सदस्य थे और प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए लोगों को इकट्ठा करते थे.
पुलिस ने बताया कि जम्मू एंड कश्मीर यूनाइटेड किसान फ्रंट के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह और जम्मू के गोल गुजराल निवासी मंदीप सिंह को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार इन दोनों ने लाल किले पर हुई हिंसा में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और उसके मुख्य साजिशकर्ता थे. लाल क़िले के गुंबद पर चढ़ने के आरोप में एक अन्य शख़्स को भी पकड़ा गया है.
26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान जान गंवाने वाले एक प्रदर्शनकारी के परिवार के दावों को लेकर द वायर की इस्मत आरा ने एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसे ट्विटर पर साझा करने के बाद द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ रामपुर में एफ़आईआर दर्ज की गई थी.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बीते 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाला था, जो हिंसक हो गया. इस दौरान दिल्ली के आईटीओ इलाके में 25 वर्षीय नवरीत सिंह की मौत हो गई थी. उनके दादा की याचिका पर दिल्ली पुलिस ने यह नोटिस जारी किया है. उनका दावा है कि उनके पोते के सिर में गोली लगने के घाव थे.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ.
वीडियो: दिल्ली पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल से गिरफ्तार किया था जहां केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर जाकर डिजिटल मीडिया के पत्रकारों से बात की.
वीडियो: दिल्ली के सिंघू बाॅर्डर पर किसानों के आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को बीते 30 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. रिहा होने के बाद उनसे द वायर के सिराज अली ने बातचीत की.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.
26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान जान गंवाने वाले एक प्रदर्शनकारी के परिवार के दावों को लेकर द वायर की इस्मत आरा ने एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसे ट्विटर पर साझा करने के बाद द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ रामपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी.
स्वतंत्र पत्रकार मंदीप पुनिया को सिंघू बॉर्डर से शनिवार को हिरासत में लेने के बाद रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. अदालत ने उन्हें ज़मानत देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता, पीड़ित, गवाह सब पुलिसकर्मी हैं. इस बात की संभावना है नहीं कि आरोपी किसी पुलिस अधिकारी को प्रभावित कर सकता है.
कृषि क़ानूनों पर किसानों के विरोध के बीच मोदी सरकार ने बार-बार दावा किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी व्यवस्था ख़त्म नहीं होगी, पर आम बजट में इसे दिलाने वाली योजनाओं के फंड में बड़ी कटौती की गई है, जिसके चलते किसानों को उतनी एमएसपी भी नहीं मिलेगी, जितनी सरकार तय करती है.
किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद लापता लोगों का पता लगाने के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. मोर्चा ने अब तक 163 लोगों की पहचान की है, जो या तो जेल या फिर पुलिस हिरासत में हैं.
डिजिटल मीडिया आज़ाद आवाज़ों की जगह है और इस पर ‘सबसे बड़े जेलर’ की निगाहें हैं. अगर यही अच्छा है तो इस बजट में प्रधानमंत्री जेल बंदी योजना लॉन्च हो, मनरेगा से गांव-गांव जेल बने और बोलने वालों को जेल में डाल दिया जाए. मुनादी की जाए कि जेल बंदी योजना लॉन्च हो गई है, कृपया ख़ामोश रहें.
द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली के आईटीओ पर एक प्रदर्शनकारी की मौत को लेकर उनके परिवार के दावों से संबंधित ख़बर ट्विटर पर साझा की थी.