कोविशील्ड अंतराल बढ़ाने पर विशेषज्ञों की असहमतियों की ख़बरों को केंद्र ने खारिज़ किया

भारत सरकार ने जिस वैज्ञानिक समूह की मंज़ूरी के आधार पर कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतर को दोगुना किया था, उस वैज्ञानिक सलाहकार समूह के तीन सदस्यों ने इससे इनकार किया था. इस पर स्पष्टीकरण देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि तीनों में से किसी सदस्य ने असहमति व्यक्त नहीं की थी.

वैज्ञानिक समिति के सदस्यों ने कहा- नहीं की थी कोविशील्ड खुराक में अंतर दोगुना करने की सिफ़ारिश

केंद्र सरकार ने जिस वैज्ञानिक समूह की मंज़ूरी के आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का दावा किया था, उसके तीन प्रमुख सदस्यों ने कहा है कि इस टीके की दो खुराक के अंतर को दोगुना करने की सिफ़ारिश के लिए निकाय के पास पर्याप्त डेटा नहीं है.

कोविशील्ड की खुराकों में अंतराल में बदलाव को लेकर उचित वैज्ञानिक अध्ययन की ज़रूरत: सरकार

कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को थोड़ा कम करने की बात कहने वाले कुछ अध्ययनों की ख़बरों के संदर्भ में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि इस तरह की चिंताओं पर बिना हड़बड़ी के संतुलित रुख़ की ज़रूरत है. बीते महीनों में कोविशील्ड की खुराकों के बीच का समयांतर दो बार बढ़ाया गया है.

​मोदी विरोधी पोस्टर: श्रमिक और ड्राइवर आदि पकड़े गए, राहुल गांधी बोले- मुझे भी गिरफ़्तार करो

दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर आलोचना वाले पोस्टर लगाने के मामले में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें पोस्टर-बैनर लगाने वाले, प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले शामिल हैं. इस क़दम की आम आदमी पार्टी समेत कांग्रेस के विभिन्न नेताओं ने निंदा की है.

दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करने वाले पोस्टर चिपकाने पर 17 केस दर्ज, 15 लोग गिरफ़्तार

दिल्ली पुलिस ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले ये पोस्टर शहर के कई हिस्सों में लगाए गए. इनमें लिखा था कि मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?

कोविशील्ड टीके की दो डोज़ के बीच का समय 6-8 सप्ताह बढ़ाकर 12-16 हफ़्ता किया गया: सरकार

पिछले कुछ महीनों में दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब कोविशील्ड टीके की दो डोज के बीच का समयांतर बढ़ाया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वह दो डोज के बीच समयांतर को 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह तक कर दें. कोवैक्सीन के दो डोज के बीच के समय में बदलाव नहीं किया गया है.

दिल्ली के एक वैक्सीनेशन सेंटर पर एक दिन का अनुभव

वीडियो: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है. इस बीच केंद्र सरकार ने एक मई से 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए कोविड ​टीकाकरण शुरू क​र दिया है. हालाकि तमाम राज्यों ने वैक्सीन की कमी होने की बात की है. द वायर ने दिल्ली के वैक्सीनेशन सेंटर जाकर वहां का हाल जाना और लोगों से बात की.

केंद्र को सभी के कोविड-19 टीकाकरण की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए: सी. रंगराजन

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा है कि केंद्र सरकार को सभी का टीकाकरण करना होगा, जबकि राज्यों को अस्पतालों में आधारभूत ढांचे में सुधार करने, अधिक चिकित्सा कर्मचारियों की भर्ती करने जैसे अन्य चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे पर ख़र्च करने की आवश्यकता है.

नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री होने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं

कोविड महामारी के इस भीषण संकट के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबावदेही का यही एक काम कर सकते हैं कि वे अपनी कुर्सी छोड़ दें.

कोविड टीकाकरण: आम आदमी की ज़िंदगी के प्रति भारत सरकार इतनी बेपरवाह क्यों है

टीकाकरण अगर सफल होना है तो उसे मुफ़्त होना ही होगा, यह हर टीकाकरण अभियान का अनुभव है, तो भारत में ही क्यों लोगों को टीके के लिए पैसा देना पड़ेगा? महामारी की रोकथाम के लिए टीका जीवन रक्षक है, फिर भारत सरकार के लिए एक करदाता के जीवन का महत्त्व इतना कम क्यों है कि वह इसके लिए ख़र्च नहीं करना चाहती?

केवल सरकार विफल नहीं हुई हैं, हम मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के गवाह बन रहे हैं…

संकट पैदा करने वाली यह मशीन, जिसे हम अपनी सरकार कहते हैं, हमें इस तबाही से निकाल पाने के क़ाबिल नहीं है. ख़ाससकर इसलिए कि इस सरकार में एक आदमी अकेले फ़ैसले करता है, जो ख़तरनाक है- और बहुत समझदार नहीं है. स्थितियां बेशक संभलेंगी, लेकिन हम नहीं जानते कि उसे देखने के लिए हममें से कौन बचा रहेगा.

भाजपा शासित मध्य प्रदेश, गुजरात समेत कई राज्यों ने एक मई से टीकाकरण में जताई असमर्थता

केंद्र की मोदी सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाने की शुरुआत करने की तारीख़ एक मई तय कर दी है. हालांकि राज्यों का कहना है कि उनके पास टीका का पर्याप्त स्टॉक नहीं है, इसलिए एक मई से टीकाकरण की शुरुआत कर पाना उनके लिए मुश्किल है.

कोविड-19 से हुईं मौतें आम मौत नहीं हत्याएं हैं, जिसकी ज़िम्मेदार मोदी सरकार है

अगर भाजपा सरकार को कोविड की दूसरी लहर के बारे में पता नहीं था, तब यह लाखों को इकट्ठा कर रैली कर रही थी, या संक्रमण के प्रकोप को जानते हुए भी यह रैली कर रही थी, दोनों ही सूरतें बड़ी सरकारी नाकामी की मिसाल हैं. पता नहीं था तो ये इस लायक नहीं है कि गद्दी पर रहें और अगर मालूम था तो ये इन हत्याओं के लिए सीधे ज़िम्मेदार हैं.

पत्थर के सनम जिन्हें हमने ख़ुदा जाना

आज हमें जो क्षोभ हो रहा है, उसका कारण सरकार से की गई अपेक्षाएं हैं, जिन पर खरी उतरने में वो पूरी तरह नाकाम रही. ऐसा दस साल पहले भी होता तो हम इतने ही त्रस्त होते, पर मुद्दा ये है कि जिन्हें हमने ख़ुदा समझा, वे परीक्षा की घड़ी आई, तो मिट्टी के माधो साबित हुए. बेशक दूसरे भी नालायक ही थे, पर कोई उन्हें ‘तारणहार’ कहता भी नहीं था!

45 साल से अधिक उम्र के गिरफ़्तार आरोपियों का टीकाकरण कराए महाराष्ट्र सरकार: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए अभियुक्तों की कोविड-19 जांच की जाए और उनका परिणाम नकारात्मक आने पर ही न्यायिक हिरासत में भेजा गया.