उत्तर प्रदेश में हरदोई ज़िले के संडीला से भाजपा विधायक राजकुमार अग्रवाल के बेटे की बीते 26 अप्रैल को लखनऊ के काकोरी स्थित एक अस्पताल में मौत हो गई थी. वह कोविड-19 से संक्रमित थे. विधायक का आरोप है कि उनके बेटे की मौत अस्पताल की लापरवाही से हुई है. उनका कहना है कि इस संबंध में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्वास्थ्य मंत्री डीजीपी और पुलिस आयुक्त से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ.
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की वजह से गुजरात में मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. शवों की संख्या बढ़ने से लगातार इस्तेमाल के कारण गुजरात के सूरत शहर में कुछ शवदाह गृह में धातु की भट्ठियां पिघल रही हैं या उनमें दरार आ गई है. राज्य के अन्य शहरों में स्थित अंतिम संस्कार स्थल भी शवों की बढ़ती संख्या के कारण दबाव महसूस कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले के सांची शासकीय सिविल अस्पताल का मामला. यह राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र में आता है. दूसरी ओर राज्य के कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित ज़िले इंदौर में लोगों की मौत होने से अस्पतालों के साथ अंतिम संस्कार स्थलों पर भी भारी दबाव बढ़ गया है.
गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे संगठनों ने कहा कि भोपाल में कोविड-19 से त्रासदी पीड़ितों की मृत्यु दर अन्य लोगों से करीब 6.5 गुना ज्यादा है. हालांकि भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास निदेशक ने इस दावे को ख़ारिज किया है.
अधिकारियों ने बताया कि 872 संक्रमित कर्मचारियों में से 559 मध्य रेलवे और 313 पश्चिमी रेलवे से हैं. कुछ रेल यूनियनों का दावा है कि 15 जून के बाद लोकल ट्रेन सेवाओं के परिचालन बहाल होने के बाद से रेलकर्मियों के संक्रमित होने की संख्या बढ़ी है.