एक ऐसे समय में जब विकसित कहे जाने वाले देशों में कोरोना संक्रमितों की तादाद बढ़ती जा रही है, अस्पतालों से महज़ मरीज़ों की ही नहीं बल्कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के गुजरने ख़बर आना अपवाद नहीं रहा, क्यूबा सरीखे छोटे-से मुल्क़ ने इससे निपटने में अपनी गहरी छाप छोड़ी है.
गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस राशि का इस्तेमाल पृथकवास सुविधाएं बनाने, नमूने एकत्रित करने, स्क्रीनिंग करने, स्वास्थ्य, निगम, पुलिस तथा दमकलकर्मियों के लिए निजी सुरक्षा उपकरण, थर्मल स्कैनर, वेंटिलेटर आदि ख़रीदने में किया जाएगा.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 1,100,283 हो गई है और अब तक 58,928 लोगों ने इस महामारी के चलते दम तोड़ दिया है.
वीडियो: बीते जनवरी में चीन के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के लिए टीके के विकास का प्रसार करने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिकों को इसका एक जेनेटिक कोड जारी किया. समाचार वेबसाइट डीडब्ल्यू ने हांगकांग, बेल्जियम और जर्मनी के वैज्ञानिकों से बात की, ताकि वे ये समझ सकें कि वे टीका विकसित करने की अपनी यात्रा में कहां तक पहुंचे हैं.
यूरोप में कोरोना वायरस के तकरीबन 508,271 मामले दर्ज किए गए हैं और 34 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में मरने वालों की संख्या 56 हुई. संक्रमित लोगों की संख्या दो हज़ार के पार पहुंची.
इन दिनों कहा जा रहा है- हाथ धोएं, घरों तक सीमित रहें, सामाजिक दूरी बनाए रखें. यह सारे कदम ज़रूरी हैं, मगर सरकार की अपनी ज़िम्मेदारी का क्या? मिसाल के तौर पर अगर स्वास्थ्य प्रणाली मज़बूत नहीं रखी तो फिर तमाम ध्यान रखने के बावजूद जिन्हें संक्रमण हो जाएं उनके बड़े हिस्से के लिए मरने के अलावा कोई चारा नहीं है.
साल 1976 के बाद मैनुअल मार्रेरो क्रूज ने पहली बार क्यूबा के प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला. इससे पहले फिदेल कास्त्रो यहां के प्रधानमंत्री थे.
बोलिविया में हुए इस घटनाक्रम को क्यूबा और वेनेज़ुएला ने तख़्तापलट बताया है. चुनावों में अनियमितताओं को लेकर दक्षिण अमेरिकी देश बोलिविया में कई हफ्तों से हिंसक प्रदर्शन चल रहे हैं. राष्ट्रपति इवो मोरालेस 13 साल नौ महीने तक सत्ता में रहे जो देश के इतिहास में सबसे बड़ा कार्यकाल है.
वेनेज़ुएला में पिछले हफ़्ते सियासी संकट तब गहरा गया जब विपक्ष के नेता जुआन ग्वाइदो ने ख़ुद को देश का जायज़ राष्ट्रपति बताते हुए राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को चुनौती दी थी. अमेरिका समेत कई देशों ने ग्वाइदो का समर्थन किया है, जिसके बाद मादुरो ने अमेरिका से रणनीतिक संबंध ख़त्म कर लिए हैं.
चे की बेटी एलीडा कहती हैं, ‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पागलपन से मानवता नष्ट हो सकती है.’