30 अप्रैल को गोरखपुर के राजघाट अंत्येष्टि स्थल के पास एक पुल की जालियों को फ्लैक्स से ढकते हुए नगर निगम ने आदेश दिया कि अंत्येष्टि की फोटो और वीडियो लेना क़ानूनन ठीक नहीं है और ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई होगी. मुखर विरोध के बाद अगले दिन ये फ्लैक्स फटे हुए मिले और नगर निगम की ओर से इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 19,925,604 हो गई है, जबकि ये महामारी अब तक 218,959 लोगों की जान ले चुकी है. विश्व में संक्रमण के मामले 15.28 करोड़ से ज़्यादा हैं और जान गंवाने वालों का आंकड़ा 32 लाख के पार चला गया है.
राजस्थान के कोटा शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि मामले में एफ़आईआर दर्ज कर लिया गया है. प्राथमिक जांच में पता चला है कि बुज़ुर्ग दंपति को डर था कि उनका इकलौता पोता और परिवार के अन्य सदस्य उनकी वजह से वायरस की चपेट में आ जाएंगे.
तमिलनाडु में एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक ने 10 साल बाद सत्ता में वापसी की है. द्रमुक को राज्य की 234 विधानसभा सीटों में से जहां 133 सीटों पर जीत मिली तो सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक सिर्फ़ 76 सीटें जीतने में सफल हो सकी. अन्नाद्रमुक की सहयोगी भाजपा को सिर्फ चार सीटों से संतोष करना पड़ा.
पुदुचेरी की 30 विधानसभा सीटों में से एनआर कांग्रेस की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है. इस केंद्रशासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए विधानसभा में 16 विधायकों का समर्थन चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख एन. रंगासामी के नेतृत्व में एनआर कांग्रेस को 10 सीटों पर जीत मिली है.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि यह समय जीवन में कुछ और करने का है. उन्होंने कहा कि इस तरह का पक्षपाती निर्वाचन आयोग नहीं देखा, उसने भाजपा की मदद के लिए तमाम क़दम उठाए. भाजपा को धर्म का इस्तेमाल करने दिया, उसके मुताबिक चुनावी कार्यक्रम बनाए गए और नियमों से खिलवाड़ किया गया.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या अब तक 19,557,457 है. इसके अलावा इस महामारी से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 215,542 हो गया है. विश्व में 15.22 करोड़ से ज़्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं और 31.92 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ओडिशा ने अपनी ड्यूटी करते हुए कोविड-19 से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिवार को 15 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा. वैश्विक महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक ओडिशा में 11 पत्रकारों की जान जा चुकी है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश में कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति के मद्देनज़र पार्टी के प्रवक्ता विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद टीवी चैनलों पर होने वाली परिचर्चा हिस्सा नहीं लेंगे. असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुदुचेरी और केरल के विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 19,164,969 हो गई है तथा इस महामारी से जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़कर 211,853 हो गया है. विश्व में संक्रमण के 15.14 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 31.80 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भर्ती के मामलों में अस्पतालों द्वारा मरीज़ों से की जा रही मनमानी और अन्यायपूर्ण व्यवहार के मद्देनज़र सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. अदालत को बताया गया था कि कोविड-19 संक्रमित मरीज़ों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ अस्पताल स्थानीय पते का प्रमाण मांग रहे हैं.
गुजराज के भरूच स्थित वेलफेयर अस्पताल में हुआ हादसा. हादसे के वक़्त अस्पताल में क़रीब 50 अन्य मरीज़ भी थे, जिन्हें स्थानीय लोगों एवं दमकलकर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाला. पिछले साल से इस अस्पताल का इस्तेमाल ज़िले के कोविड-19 मरीज़ों के इलाज के लिए किया जा रहा था.
बिहार की एक विशेष अदालत ने 2015 में शहाबुद्दीन और उनके सहयोगियों को 2004 के बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. 2004 में कथित तौर पर रंगदारी देने से इनकार करने के लिए सीवान के एक व्यवसायी के दो बेटों का अपहरण कर तेज़ाब से नहलाकर हत्या कर दी गई थी. मामले में गवाह रहे तीसरे भाई की भी 2016 में हत्या कर दी गई थी.
भारत के प्रख्यात सितारवादकों में से एक देबू चौधरी संगीत के सेनिया घराना से थे. उन्हें पद्म भूषण, पद्मश्री के अलावा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. बीते 25 अप्रैल को बनारस घराने के प्रख्यात हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का दिल्ली के एक अस्पताल में कोविड-19 समस्याओं के चलते निधन हो गया.
संकट पैदा करने वाली यह मशीन, जिसे हम अपनी सरकार कहते हैं, हमें इस तबाही से निकाल पाने के क़ाबिल नहीं है. ख़ाससकर इसलिए कि इस सरकार में एक आदमी अकेले फ़ैसले करता है, जो ख़तरनाक है- और बहुत समझदार नहीं है. स्थितियां बेशक संभलेंगी, लेकिन हम नहीं जानते कि उसे देखने के लिए हममें से कौन बचा रहेगा.