जन गण मन की बात, एपिसोड 163: पाकिस्तानी अफ़सरों से आडवाणी की मुलाकात और चीन

जन गण मन की बात की 163वीं कड़ी में विनोद दुआ, भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की पाकिस्तानी अफ़सरों से मुलाकात और चीन पर चर्चा कर रहे हैं.

भाजपा सस्ती राजनीति करती है: मायावती

मायावती ने आरोप लगाया कि निकाय चुनाव के बाद सस्ती राजनीति की शुरुआत स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने केवल भाजपा के विजयी मेयरों को प्रधानमंत्री निवास बुलाकर की.

वसुंधरा सरकार ने गौरवशाली राजस्थान को मुंह दिखाने लायक भी नहीं छोड़ा: गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज कोई तबका राजस्थान सरकार से खुश नहीं है. व्यापारी जीएसटी से दुखी है. युवा नौकरी के रास्ते नहीं खुलने से परेशान हैं.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कोयला घोटाले में दोषी क़रार

दिल्ली की विशेष अदालत ने कोड़ा के साथ पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बासु, दो सरकारी कर्मचारी और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को धारा 120बी के तहत दोषी क़रार दिया.

देश को न मोदी चाहिए, न राहुल: अन्ना हजारे

अन्ना बोले, दोनों उद्योगपतियों के हिसाब से काम करते हैं. इस बार किसान के हित में सोचने वाली सरकार चाहिए. देश में 22 साल में 12 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं.

शंभूलाल जैसे मानव बम राजनीति और मीडिया ने ही पैदा किए हैं

बीसियों साल से जिस तरह की विभाजनकारी राजनीति हो रही है, मीडिया के सहयोग से जिस तरह समाज में ज़हर बोया जा रहा है, उसकी फसल अब लहलहाने लगी है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 162: मोदी का गुजरात चुनाव प्रचार और एफआरडीआई विधेयक 

जन गण मन की बात की 162वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री के गुजरात चुनाव प्रचार और वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक पर चर्चा कर रहे हैं.

गुजरात चुनाव: एक ही सवाल बार-बार, कहां गईं नौकरियां-कहां है रोज़गार

राज्य के मौजूदा राजनीतिक विमर्श में रोज़गार और नौकरी को लेकर उठी आवाज़ें दब-सी गयी हैं. पूरा चुनाव प्रचार षड्यंत्रों की उल्टी-सीधी दास्तानों और ध्रुवीकरण पर आधारित हो गया है.

संस्कृति का बखान करने वाले आधी आबादी के मुद्दों पर चुप्पी क्यों साध लेते हैं?

यह कैसा समाज है जहां जीवित इंसान की कोई कीमत नहीं पर मृत व्यक्ति के सम्मान की रक्षा के नाम पर लोग सड़क पर उतर आते हैं, तोड़-फोड़ करते हैं, यहां तक कि हिंसा करने से भी नहीं चूकते.

भारत किसी ख़ास धर्म के लोगों का नहीं, तमाम ख़ूबसूरत फूलों का एक गुलदस्ता है: अब्दुल्ला

फारूक़ अब्दुल्ला ने संघ को दी उन्माद से बचने की नसीहत, कहा- धार्मिक आधार पर देश को बांटने का चलन राष्ट्रहित के लिए घातक. इधर आरएसएस के भैयाजी जोशी ने कहा, हिंदुत्व से बदलेगा समाज.

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