प्रमुख नदियों में पानी की गुणवत्ता पर लॉकडाउन के प्रभाव पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नदियों के पानी की गुणवत्ता में सुधार न होने की वजह अशोधित अवजल को नदियों में छोड़ा जाना और पहाड़ों से ताज़ा पानी न आना है.
ग्राउंड रिपोर्ट: 2014 में वाराणसी लोकसभा सीट से सांसद बने नरेंद्र मोदी एक बार फिर यहां से चुनावी मैदान में उतरे हैं. उनके कार्यकाल और बनारस में हुए बदलावों के बारे में क्या सोचती है बनारस की जनता?
विशेष रिपोर्ट: कुंभ के लिए बंद किए गए कानपुर के चमड़ा कारख़ाने इसके ख़त्म होने के तकरीबन डेढ़ महीने बाद भी शुरू नहीं हो सके हैं. आरोप लग रहे हैं कि इन्हें निशाना बनाए जाने की वजह ज़्यादातर कारख़ाना मालिकों का मुस्लिम होना है.
कानपुर के 402 चमड़ा कारखानों को चार महीने पहले मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बंद करने का मौखिक आदेश मिला था. हालांकि, कुंभ बीतने के बाद अभी तक इन्हें चालू करने का आदेश नहीं मिला है.
वाराणसी की एक गैर सरकारी संस्था ने अपने अध्ययन में बताया कि साल 2016 से 2018 तक गंगा में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई है. संस्था की ओर से कहा गया है कि पानी में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया की अत्यधिक मात्रा मानव स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक है.
एनजीटी ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह भी बताने का निर्देश दिया है कि गंगा का पानी नहाने और पीने योग्य है या नहीं.
केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने कहा कि यह राजनीति से संन्यास नहीं है. गंगा के लिए किसी एक को सत्ता छोड़कर गंगा किनारे जाना पडे़गा और मैं वही कर रही हूं. इसके लिए मुझे पार्टी का पूरा समर्थन चाहिए.
हम भी भारत की 52वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी प्रदूषण की बढ़ती समस्या पर बिज़नेस स्टैंडर्ड के सीनियर एसोसिएट एडिटर नितिन सेठी और किसान नेता रमनदीप सिंह मान से चर्चा कर रही हैं.
जन गण मन की बात की 300वीं कड़ी में विनोद दुआ नई दिल्ली में हुई किसान मज़दूर संघर्ष रैली और गंगा की सफाई पर चर्चा कर रहे हैं.
एनजीटी ने सवाल उठाया कि अगर सिगरेट के पैकेटों पर ‘यह स्वास्थ्य के लिए घातक है’ चेतावनी लिखी हो सकती है, तो लोगों को नदी के जल के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए.
हाल ही में एनजीटी ने कहा है कि सरकार ने गंगा सफाई पर करोड़ों रुपये ख़र्च तो कर दिए है लेकिन गंगा अभी भी पर्यावरण के लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है. इसकी सफाई के लिए कोई क़दम नहीं उठाया गया.
एनजीटी ने कहा था कि सरकार ने गंगा सफाई पर 7,000 करोड़ रूपये खर्च कर दिया है लेकिन गंगा अभी भी पर्यावरण के लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है.
एक अध्ययन के अनुसार कानपुर में प्रदूषण के चलते सालाना करीब 4 हज़ार से अधिक मौतें हो जाती हैं. वहीं लखनऊ में हर दिन औसतन 11 लोग प्रदूषण के चलते जान गंवा रहे हैं.
पुण्यतिथि विशेष: उस्ताद ऐसे बनारसी थे जो गंगा में वज़ू करके नमाज़ पढ़ते थे और सरस्वती को याद कर शहनाई की तान छेड़ते थे. इस्लाम में संगीत के हराम होने के सवाल पर हंसकर कहते थे, 'क्या हुआ इस्लाम में संगीत की मनाही है, क़ुरान की शुरुआत तो 'बिस्मिल्लाह' से ही होती है.'
जन गण मन की बात की 168वीं कड़ी में विनोद दुआ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर आए फ़ैसले, कैग की रिपोर्ट और अधूरे गंगा सफाई अभियान के बारे में चर्चा कर रहे हैं.