भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के विधायक अमर सिंह चौधरी ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार को किसानों और लोगों के नाराज़ होने से दिक्कत नहीं. ऐसा लग रहा है कि उद्देश्य मुट्ठीभर उद्योगपतियों को नाराज़ नहीं करने का है.
केरल सरकार ने कहा है कि वह इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी. इसी साल 19 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने तिरुवनंतपुरम सहित तीन हवाई अड्डों को पट्टे पर अडाणी समूह को सौंपने को मंज़ूरी दे दी थी.
इस अधिग्रहण के साथ अडाणी समूह देश का सबसे बड़ा निजी हवाईअड्डा परिचालक हो जाएगा. अडाणी समूह और मुंबई हवाईअड्डे के मौजूदा संचालक जीवीके समूह के बीच यह सौदा ऐसे समय में हुआ है, जब पिछले महीने सीबीआई ने जीवीके समूह पर 705 करोड़ रुपये के कोष की गड़बड़ी का आरोप लगाया था.
बीते 19 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने तिरुवनंतपुर सहित तीन हवाई अड्डों को पट्टे पर अडाणी समूह को सौंपने को मंज़ूरी दे दी थी. केरल सरकार ने 20 अगस्त को सर्वदलीय बैठक में इस फैसले का विरोध किया और हाईकोर्ट में केंद्र को फैसले को चुनौती दी है.
बीते साल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरु हवाई अड्डों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 50 सालों के लिए अडाणी समूह को देने के नागरिक विमानन मंत्रालय के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी. इस बार जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों की ज़िम्मेदारी इस समूह को दी गई है.
इस साल फरवरी में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत देश के छह हवाई अड्डों के संचालन का ठेका 50 साल के लिए अडाणी समूह को मिला था.
ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्वीन्सलैंड के कारमाइल कोयला खदान में खनन के लिए अडानी को जून में मंजूरी मिली थी. यहां खनन को लेकर विवाद है क्योंकि इस खदान के निकट ही ग्रेट बैरियर रीफ है, जहां दुनिया की सबसे बड़ी मूंगे की चट्टानें हैं.
अडाणी पावर को झारखंड के गोड्डा ज़िले में 222.68 हेक्टेयर भूमि क़ब्ज़े की औपचारिक मंज़ूरी मिली है. शेष 202.32 हेक्टेयर भूमि के लिए मंजूरी मिलनी बाकी है. विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थापित इकाइयों को सरकार कर लाभ सहित कई सुविधाएं देती है.
केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल नवंबर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा परिचालित किए जाने वाले छह हवाई अड्डों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चलाने की अनुमति दी थी.
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी का माइनिंग प्रोजेक्ट विवादों के घेरे में है. सामाजिक संगठन और पर्यावरणविद इस परियोजना के ख़िलाफ़ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
अडाणी समूह की अडाणी गैस लिमिटेड को 13 शहरों में सीएनजी और पीएनजी वितरण का लाइसेंस स्वयं के स्तर पर मिला है जबकि अन्य शहरों के लिए उसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के साथ संयुक्त तौर पर मिला है.
अडाणी समूह ने कहा है, ‘केंद्र सरकार देश के हाईवे की लंबाई दो लाख किलोमीटर तक करने पर विचार कर रही है, अडाणी समूह इसे कंपनी के लिए विकास के अवसर के रूप में देखता है.’
आॅस्ट्रेलिया में 16.5 अरब डॉलर की कारमाइकल कोयला खान परियोजना के ख़िलाफ़ सिडनी, ब्रिसबेन, मेलबर्न, उत्तरी क्वींसलैंड में हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे और रैलियां निकालीं.