ग्राउंड रिपोर्ट: प्रदेश के ज़्यादातर मुसलमान ऐसी पार्टी को वोट देना चाहते हैं जो उनकी सुरक्षा व विकास की गारंटी दे.
गुजरात चुनाव राउंडअप: मनमोहन ने नोटबंदी-जीएसटी की आलोचना की, मोदी से कहा- वोट लेने के लिए अधिक सम्मानजनक तरीके खोजें.
ग्राउंड रिपोर्ट: सूरत के कपड़ा व्यापारियों की सारी नाराज़गी जीएसटी लागू करने में केंद्र सरकार के घमंडी रवैये को लेकर है. उनका गुस्सा प्रधानमंत्री के बजाय वित्त मंत्री पर है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के लिए यूपीए सरकार के दस साल के शासन की औसत वृद्धि दर की बराबरी कर पाना भी संभव नहीं होगा.
गुजरात चुनाव राउंडअप: गुजरात में शिक्षा पर कम सरकारी ख़र्च के मसले पर राहुल ने मोदी पर साधा निशाना, बिना इजाज़त रैली करने पर हार्दिक के ख़िलाफ़ प्राथमिकी.
गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल का वादा, कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों का क़र्ज़ होगा माफ़.
गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल पहुंचे सोमनाथ मंदिर, प्रधानमंत्री बोले- तुम्हारे परनाना ने नहीं बनवाया था. राहुल की गैरहिंदू एंट्री पर बवाल, कांग्रेस बोली- राहुल अनन्य शिव भक्त हैं, 'जनेऊधारी' भी हैं.
गुजरात चुनाव राउंडअप: मोदी ने कहा, भाजपा को अगले 100 वर्षों तक गुजरात की सत्ता से बाहर नहीं किया जाना चाहिए. राहुल बोले, 22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब.
हम भी भारत की 11वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 पर चर्चा कर रही हैं.
गुजरात चुनाव राउंडअप: भाजपा के स्टार प्रचारक मोदी ने कहा, गुजरात कांग्रेस के पापों की क़ीमत अब भी चुका रहा है. कांग्रेस बोली- चर्चा से भागने के लिए भावुक बयान दे रहे हैं मोदी.
गुजरात चुनाव राउंडअप: नेहरू पर मोदी के हमले को लेकर कांग्रेस बोली, प्रधानमंत्री की मानसिकता अस्वस्थ. जिग्नेश मेवानी का सीधा मुक़ाबला भाजपा से, कांग्रेस और आप ने दिया समर्थन.
गुजरात चुनाव राउंडअप: चुनाव प्रचार में जादूगर के इस्तेमाल पर राहुल ने किया तंज. निर्दलीय लड़ेंगे जिग्नेश मेवानी, कांग्रेस देगी समर्थन. मोदी ने कहा, गुजरात चुनाव विकास और वंशवाद के बीच.
योगी प्रचार के लिए पहुंचे मथुरा. वृंदावन और बरसाना क्षेत्रों का विकास पांच हजार वर्ष पुरानी परंपराओं के अनुसार कराने की मंशा जताई.
दोनों राज्यों में 1.38 करोड़ रुपये नगद, छह लाख लीटर शराब और अन्य नशीले पदार्थ बरामद. शराब और नशीले पदार्थों की कीमत 12.86 करोड़ रुपये.
वर्ष 2002 में नरेंद्र मोदी के पहले राजनीतिक चुनाव प्रचार ने सबकुछ बदल दिया. पहली बार किसी पार्टी के नेता और उसके मुख्य चुनाव प्रचारक ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरा प्रचार अभियान चलाया.