पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विशेष पुलिस अधिकारी खुशबू जान को शोपियां के वेहिल इलाके में उनके घर के बाहर आतंकवादियों ने गोली मार दी. पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
द वायर हिंदी के वरिष्ठ संवाददाता रहे अमित सिंह को यह पुरस्कार ‘सर्वश्रेष्ठ हिंदी पत्रकारिता- प्रिंट’ श्रेणी में जम्मू कश्मीर पुलिस पर की गई उनकी ग्राउंड रिपोर्ट के लिए दिया गया है. वहीं पत्रकार संध्या रविशंकर को द वायर पर प्रकाशित रेत खनन पर उनकी रिपोर्ट के लिए एनवायरमेंटल रिपोर्टिंग- प्रिंट श्रेणी में अवॉर्ड मिला है.
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि हमारी कोशिशों के बावजूद कुछ युवा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुए और कुछ मारे भी गए. हमें इस पर दुख और अफ़सोस है. हम हिंसा के माहौल में हैं और हिंसा, हिंसा को जन्म देती है.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने एक संदिग्ध आतंकवादी के परिजनों के साथ पुलिस हिरासत में कथित तौर पर हुई मारपीट पर नाराज़गी जताते हुए राज्यपाल से घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अपील की है.
इस साल जनवरी में जम्मू में हुए कठुआ बलात्कार और हत्या मामले के एक आरोपी ने केस में हुई जांच को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए दोबारा जांच की मांग की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
मेजर लीतुल गोगोई के एक स्थानीय महिला के साथ पाए जाने के मामले में श्रीनगर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा कि जांच असली तथ्यों का पता लगाए बिना बेहद लापरवाह तरीके से की गई है.
अपुष्ट सूचनाओं के मुताबिक अपहृत रिश्तेदारों की संख्या 11 हो गई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि वह इन मामलों की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है.
बीते 23 मई को मेजर लीतुल गोगोई को पुलिस ने श्रीनगर के एक होटल में विवाद होने के बाद हिरासत में लिया था, वे तब एक 18 वर्षीय महिला के साथ होटल में घुसने की कोशिश कर रहे थे.
बीते 23 मई को मेजर लीतुल गोगोई को पुलिस ने श्रीनगर स्थित उस होटल में तकरार होने के बाद हिरासत में लिया था जहां पर वह कथित रूप से 18 वर्षीय महिला के साथ जाने की कोशिश कर रहे थे.
किश्तवाड़ ज़िले के चातरू पुलिस थाने में शुक्रवार को हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. पुलिस ने उसे तब हिरासत में लिया था जब वह गो-तस्करी के आरोप में बंद अपने दो रिश्तेदारों को रिहा कराने गया था.
कठुआ बलात्कार और हत्या मामले के एक आरोपी ने मैट्रिक प्रमाणपत्र का हवाला देकर ख़ुद के नाबालिग होने का दावा किया था, जिस पर अदालत ने उसकी हड्डियों की जांच का आदेश दिया था.
अपराध शाखा ने इस बहुचर्चित मामले में मेडिकल राय ली है क्योंकि आरोपियों ने अदालत में दावा किया था कि यह असंभव है कि लड़की पर हमला हो रहा हो और वह चिल्लायी न हो.
यह फैसला सेना प्रमुख बिपिन रावत के इस बयान के शीघ्र बाद आया कि यदि मेजर गोगोई किसी अपराध के दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी.
पिछले साल कश्मीर में अपनी जीप के बोनट पर एक नागरिक को बांधकर घुमाने वाले मेजर लीतुल गोगोई को पुलिस ने हाल ही में एक होटल विवाद के बाद एक लड़की के साथ हिरासत में लिया था.
मामले के आठ आरोपियों में से एक विशाल का दावा था कि जब अपराध हुआ, वो मेरठ में परीक्षा दे रहा था. विशाल ने बताया था कि 15 जनवरी को परीक्षा की अटेंडेंस शीट पर उसने हस्ताक्षर भी किए थे. फॉरेंसिक जांच में हस्ताक्षर फ़र्ज़ी पाए गए.