मोदी सरकार के इस कदम ने सात दशकों की आधिकारिक नीति को ख़त्म करते हुए देश को अनजान क़ानूनी और राजनीतिक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया गया है. बीते चार अगस्त से कश्मीर घाटी में धारा 144 लागू है और मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं लगभग बंद कर दिए गए हैं. भारत के अन्य राज्यों और विदेश में रह रहे कश्मीरी लोग अपनों का हाल जानने के लिए परेशान. वहीं प्रशासन का कहना है कि हालात शांतिपूर्ण हैं.
देशभर के कश्मीरी पंडितों ने उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में शांति का माहौल स्थापित होगा और मूल स्थान पर सम्मान एवं गरिमा के साथ उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा.
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा कि सरकार 8-10 हजार लोगों की मौत के लिए तैयार है. फैसल ने लोगों से सरकार को नरसंहार का मौका न देने और जवाबी लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील की.
जिन राज्यों के लिए अनुच्छेद 371 के तहत विशेष प्रावधान किए गए हैं, उनमें से अधिकतर राज्य पूर्वोत्तर के हैं और विशेष दर्जा उनकी जनजातीय संस्कृति को संरक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है.
उत्तर प्रदेश के मुजफ़्फ़रनगर के खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी ने कहा कि मैं कश्मीर में घर बनाना चाहता हूं. वहां हर चीज खूबसूरत है- जगह, पुरुष और महिलाएं, सबकुछ.
गृहमंत्री अमित शाह के अनुसार धारा 370 के कारण जो सुविधाएं जम्मू कश्मीर की जनता को नहीं मिल सकीं, क्या वे गुजरात के नागरिकों को भाजपा के 22 सालों के शासन में मिली हैं?
लोकसभा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प को 72 के मुकाबले 351 मतों से स्वीकृति दी. 17वीं लोकसभा का पहला सत्र संपन्न. 37 बैठकों में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन और तीन तलाक़ सहित 36 विधेयक पारित हुए.
सदन में अमित शाह ने कहा कि नेहरू कश्मीर हैंडल कर रहे थे, सरदार पटेल नहीं. यह इतिहास नहीं है मगर अब इतिहास हो जाएगा क्योंकि अमित शाह ने कहा है. उनसे बड़ा कोई इतिहासकार नहीं है.
जम्मू कश्मीर में संचार व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठप होने के कारण न कश्मीरी अख़बार छपे, न ही समाचार वेबसाइट अपडेट हुईं.
जो कुछ भी 5 अगस्त को संसद में हुआ है उसने साबित कर दिया है कि भाजपा के लिए बहुमत का अर्थ बहुसंख्यकवादी बहुमत है.
केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के आदेश से जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को सोमवार को ख़त्म कर दिया. इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया.
जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के मोदी सरकार के फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को एकतरफा ढंग से विभाजित कर, निर्वाचित प्रतिनिधियों को कैद कर और संविधान का उल्लंघन कर राष्ट्रीय एकीकरण आगे बढ़ने वाला नहीं है.
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेताओं सज्जाद लोन और इमरान अंसारी सहित कई अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया है.
पुलिस और सेना का इस्तेमाल करके आम राय को कुछ समय के लिए दबाया जा सकता है, लेकिन क्या इससे राज्य में लंबे समय के लिए शांति सुनिश्चित की जा सकती है?