नेताओं के स्तुतिगान करने के इस दौर में आमने-सामने बैठकर आंखों में आंखें डालकर कड़े और कठिन सवालों के लिए जाने जाने वाले करण थापर की किताब ‘मेरी अनसुनी कहानी’ को पढ़ना सुकून देता है, क्योंकि असहमति और सवाल पूछना ही लोकतंत्र की ताक़त है.
अगर भाजपा पिछली बार जीती गई 282 सीटों से कम सीटें पाती है, तो पार्टी को सहयोगियों की ज़रूरत होगी. समीकरण जैसे भी बनें, यह निश्चित है कि अगली सरकार गठबंधन की या खिचड़ी सरकार होगी, जिसे मोदी बिल्कुल पसंद नहीं करते.
अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने पांच दिसंबर 2016 को अपोलो अस्पताल में जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग गठित किया था. आयोग की जांच के ख़िलाफ़ अपोलो अस्पताल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
मानहानि के एक मामले की सुनवाई करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रेस द्वारा कुछ अवसरों पर गड़बड़ियां हो सकती हैं लेकिन लोकतंत्र के व्यापक हित को देखते हुए इन्हें नज़रअंदाज़ करने की ज़रूरत होती है.
दिनाकरण ने अपनी नई पार्टी अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कड़गम के झंडे का भी अनावरण किया, जिसमें दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की तस्वीर है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनके पिता और दादी की हत्या इसलिए हुई कि वे राजनीति में थे और बदलाव लाना चाहते थे.
रजनीकांत ने कहा कि मुख्यमंत्री जयललिता के निधन और 93 वर्षीय द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि के ख़राब स्वास्थ्य की वजह से राज्य की राजनीति में एक अच्छे नेता की जगह ख़ाली है.
तमिलनाडु के मंझे हुए राजनीतिक पर्यवेक्षकों का काफी हद तक यह मानना है कि रजनीकांत के राजनीति में शामिल होने के फैसले के तार भाजपा से जुड़े हुए हैं.
उपचुनाव परिणाम: जयललिता के निधन से चेन्नई की आरके नगर सीट खाली हो गई थी. अरुणाचल में दोनों सीटों पर भाजपा का कब्ज़ा.
सरकार गठन को लेकर तमिलनाडु में पिछले 10 दिनों से चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है. शशिकला के विश्वस्त इदापडी के. पलानीसामी ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है.
21 साल पुराने इस मामले में शशिकला के साथ तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता भी आरोपी थीं. जयललिता का पिछले दिसंबर लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया जिसमें उन्हें बरी कर दिया गया था. इस फैसले के बाद शशिकला अब मुख्यमंत्री नहीं बन सकेंगी.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को विश्वास है कि समय आने पर वे विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर देंगे. द वायर की उनसे बातचीत.