दिल्ली पुलिस का कहना है कि पर्यावरण के लिए काम करने वाली युवा कार्यकर्ता दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्यूमेंट को शेयर किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था. टूलकिट मामले में यह पहली गिरफ़्तारी है.
विश्व आर्थिक मंच की दावोस एजेंडा शिखर बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने कहा कि महामारी की आर्थिक मार से उबरने में अरबों लोगों को एक दशक से अधिक का समय लग सकता है, जबकि मार्च 2020 के बाद से सबसे शीर्ष पर सिर्फ़ 10 अरबपतियों का धन आसमान छू लिया है.
जर्मनी स्थित एक एनजीओ द्वारा जारी ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स के मुताबिक, साल 2019 में भारत में मानसून सामान्य दिनों के मुक़ाबले एक महीने ज़्यादा देर तक रहा. भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से 14 राज्यों में 1,800 लोगों की मौत हुई और 18 लाख लोगों का विस्थापन हुआ था.
एक्शन एड इंटरनेशनल और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क साउथ एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से कम पर रोकने की राजनीतिक असफलता के कारण अकेले दक्षिण एशिया में बड़ी संख्या में विस्थापन होगा और यह क्षेत्र बाढ़, सूखा, तूफान, चक्रवात जैसी जलवायु संबंधी आपदाओं से जूझेगा.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा जारी जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट में इस बारे में विभिन्न पहलुओं को लेकर होने वाले बदलावों का आकलन किया गया है. हालांकि पर्यावरणविद मानते हैं कि इसमें कई महत्वपूर्ण बातें शामिल नहीं की गई हैं.
जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता लिसिप्रिया कंगुजम ने कहा कि अगर सरकार मेरी आवाज़ नहीं सुन सकती तो आप मुझे इसमें शामिल नहीं करें. मुझे अन्य प्रेणादायक महिलाओं के साथ शामिल करने के लिए शुक्रिया लेकिन मैंने इस सम्मान को अस्वीकार करने का फैसला किया है.
ग्रेटा थनबर्ग ने कहा, जलवायु अभियान को और पुरस्कारों की आवश्यकता नहीं है. जरूरत इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग वर्तमान में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ विज्ञान का अनुसरण करना शुरू कर दें.
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने कहा कि हम सामूहिक विनाश की कगार पर हैं जबकि आप पैसों और आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बातें कर रहे हैं. आपकी ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई?
भारी बर्फबारी के कारण सड़क बंद कर दी गई थी, जिसकी वजह से याकों को उत्तरी सिक्किम के ऊपरी इलाकों में भोजन के बिना रहने के लिए मजबूर होना पड़ा.
अपने संकल्प पत्र में भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासियों और परंपरागत वन निवासियों को लेकर जिस कदर बेरुखी दिखाई है उससे यह साबित हो रहा है कि पार्टी को देश के इन नागरिकों की कोई चिंता नहीं है.
लोकसभा चुनाव राउंडअप: राहुल गांधी ने सूरतगढ़ में एक सभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हिंदुस्तान बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें एक हिंदुस्तान अमीरों का और दूसरा गरीबों का होगा.
विश्व आर्थिक मंच की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कुछ कहा वो सब वे तीन साल से बोल रहे हैं. आपको बुरा लगेगा लेकिन आप प्रधानमंत्री के भाषण में भारत की व्याख्या देखेंगे तो वह दसवीं कक्षा के निबंध से ज़्यादा का नहीं है.
जलवायु परिवर्तन के प्रकोपों को गुटों की कूटनीति में बंट कर नहीं, बल्कि मानवता का सामूहिक संकट समझ कर ही जूझा जा सकता है.
तमाम योजनाओं के ऐलान और बहुत सारे वादों के बावजूद देश में भूख व कुपोषण से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ रही है.
अनुसूचित जातियों के लिए मैट्रिक से पूर्व की छात्रवृत्ति के लिए 2016-17 के बजट अनुमान में 550 करोड़ रुपये का प्रावधान था पर इस वर्ष 2017-18 में इसका बजट अनुमान मात्र 50 करोड़ रुपये रखा गया है.