लोकसभा में कांग्रेस के नेता 10 जनवरी को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में आलोक वर्मा को हटना का कड़ा विरोध जाहिर करने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जांच रिपोर्ट और बैठक के मिनट्स सार्वजनिक किए जाएं ताकि जनता अपने निष्कर्ष निकाल सके.
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल दिसंबर महीने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश एके सीकरी को लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचायती ट्रिब्यूनल में नामित करने का फैसला किया था. इसी समय आलोक वर्मा मामले की सुनवाई चल रही थी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जज एके सीकरी को लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचायती ट्रिब्यूनल में नामित करने का फैसला पिछले महीने लिया जब आलोक वर्मा मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. सीकरी आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाने वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के सदस्य थे.
आलोक वर्मा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई चयन समिति का हिस्सा रहे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके द्वारा मांग करने के बावजूद सरकार ने जस्टिस एके पटनायक की रिपोर्ट को साझा नहीं किया.
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में रिकॉर्ड की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को वापस लेने के लिए कहा था.
पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति को आलोक वर्मा को उनका पक्ष रखने का मौका देना चाहिए था और इसके बाद फैसला लेना चाहिए था.
सुप्रीम कोर्ट के चार मुख्य न्यायाधीशों और चार पूर्व जजों ने जजों की नियुक्ति पर सरकार के हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई है. ये सभी जज कांग्रेस के महाभियोग के प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर चुके हैं. इनका सवाल है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कॉलेजियम के प्रस्ताव को ठुकराने की अनुमति सरकार को कैसे दे दी?