वीडियो: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है. इस बीच केंद्र सरकार ने एक मई से 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए कोविड टीकाकरण शुरू कर दिया है. हालाकि तमाम राज्यों ने वैक्सीन की कमी होने की बात की है. द वायर ने दिल्ली के वैक्सीनेशन सेंटर जाकर वहां का हाल जाना और लोगों से बात की.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब टीकाकरण केंद्रों पर जाने में असमर्थ वरिष्ठ नागरिकों के जीवन का सवाल है, तो घर-घर जाकर टीकाकरण का कार्यक्रम क्यों शुरू नहीं किया जाता? इसके अलावा अदालत ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका से यह जानना चाहा कि बेघर लोगों, भिखारियों और सड़कों पर रह रहे लोगों के टीकाकरण के लिए उसकी क्या योजना है?
भारत में 23 अप्रैल के बाद से ये लगातार 21वां दिन है, जब कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 23,703,665 हो गए हैं और मृतकों की संख्या 258,317 हो गई है.
भारत कोविड महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, टीका और दवाइयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि हमें अपने स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखने की ज़रूरत है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 23,340,938 हो गई है और इससे जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़कर 2.5 लाख के पार हो गया है. विश्व में संक्रमण के 15.97 करोड़ से ज़्यादा मामले आए हैं, जबकि 33.18 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
गुजरात के कुछ लोग गाय के गोबर और मूत्र के शरीर पर लेप के लिए सप्ताह में एक बार गौ आश्रमों में जा रहे हैं. उनका ऐसा मानना है कि यह उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देगा या कोविड-19 से उबरने में मदद करेगा. हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है.
भारत में 23 अप्रैल के बाद से ये लगातार 19वां दिन है, जब कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही कुल मामलों की संख्या बढ़कर 22,992,517 हो गई है, जबकि 249,992 लोग इस महामारी से जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 15.96 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 33.04 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
हाल ही में सोशल मीडिया वायरल हुए एक वीडियो में योग गुरु रामदेव कहते दिख रहे थे कि चारों तरफ ऑक्सीजन ही ऑक्सीजन का भंडार है, लेकिन मरीज़ों को सांस लेना नहीं आता है और वे नकारात्मकता फैला रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी है. इस बारे में आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ. नवजोत सिंह दहिया ने जालंधर पुलिस में शिकायत दर्ज कर उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 22,662,575 हो गए और इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 246,116 हो गई है. विश्व में संक्रमण के मामले 15.83 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 32.93 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए. मंत्रालय की ढिलाई और अनुचित कदमों को लेकर वह बिल्कुल हैरान है. साथ ही संगठन ने कहा कि मंत्रालय ने पेशवरों के सुझावों को कचरे के डिब्बे में फेंक दिया है.
ये लगातार चौथा दिन है, जब नए मामलों की संख्या चार लाख से अधिक दर्ज की गई है. इसके साथ ही भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 22,296,414 हो गई है और मरने वालों की संख्या 242,362 है. विश्व में संक्रमण के 15.76 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं और 32.83 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
भारत में लगातार तीसरे दिन कोरोना वायरस संक्रमण के चार लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही कुल मामलों की संख्या बढ़कर 21,892,676 हो गई है और अब तक 238,270 लोग महामारी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 15.69 करोड़ से ज़्यादा मामले हो गए हैं, जबकि 32.70 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
कोविड-19 की दूसरी लहर ने जिस राष्ट्रीय आपदा को जन्म दिया है, वैसी आपदा भारत ने आजादी के बाद से अब तक नहीं देखी थी. इस बात के तमात सबूत सामने हैं कि इसे टाला जा सकता था और इसके प्राणघातक प्रभाव को कम करने के लिए उचित क़दम उठाए जा सकते थे.
भारत में पिछले साल कोरोना वायरस की दस्तक के बाद यह पहली बार है, जब लगातार दूसरे दिन चार लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही कुल मामलों की संख्या 21,491,598 हो गई है और मृतक संख्या 234,083 है. विश्व में संक्रमण के 15.60 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 32.56 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा है कि पता चला है कि भारत में हमारे आकार, आनुवांशिक विविधता और जटिलता से वायरस को अनुकूल माहौल मिलता है जिससे वह स्वरूप बदलकर अधिक ख़तरनाक रूप में सामने आता है. मुझे डर है कि जिस ‘डबल’ और ‘ट्रिपल म्यूटेंट’ को हम देख रहे हैं, वह शुरुआत भर हो सकती है.