फ्रांस में एक संगठन ने नेशनल फाइनेंशियल प्रॉसिक्यूटर के दफ़्तर में राफेल सौदे में संभावित भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराते हुए भारत के साथ हुए 36 राफेल विमानों के सौदे और रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर के बतौर चुने जाने पर स्पष्टीकरण मांगा है.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में दासो एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने रिलायंस के साथ हुए क़रार को लेकर लगे आरोपों पर कहा कि मैंने जो पहले कहा वही सच है. मैं झूठ नहीं बोलता हूं. एक सीईओ होकर आप झूठ नहीं बोल सकते.
राफेल सौदे में भागीदारी के बाद फ्रांस की दासो कंपनी ने अनिल अंबानी समूह की एक निष्क्रिय पड़ी कंपनी में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी ख़रीदकर इसे क़रीब 284 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा पहुंचाया.