जम्मू कश्मीर पुलिस ने जनवरी 2020 में पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर एक गाड़ी में दो आतंकियों के साथ पकड़ा था. सिंह पर एनआईए ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन को मदद देने का आरोप लगाया है.
जम्मू की विशेष अदालत में एनआईए ने कहा कि संवेदनशील जानकारियां हासिल करने के लिए जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया था और उन्होंने सीमा पर हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों को हथियार हासिल करने में मदद की.
आतंकियों के शव उनके परिजनों को न सौंपे जाने के बीच कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों के शव उनके परिजनों को लौटाए जा रहे हैं और अधिकारी अंतिम संस्कार में अधिकारियों सहित कम से कम मौजूद रहने वालों की संख्या मांग रहे हैं.
ऐसे समय में जब हमें यह बताया गया है कि अनुच्छेद 370 का हटना आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में सबसे निर्णायक क़दम था, तब अगले मिशन पर जा रहे एक वांटेड आतंकी के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पकड़े जाने पर यक़ीन करना मुश्किल है.
जम्मू कश्मीर पुलिस की सिफारिश के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों के साथ पकड़े गए दविंदर सिंह को बहादुरी के लिए दिया गया शेर-ए-कश्मीर पुलिस पदक बुधवार को 'वापस' ले लिया गया. सिंह की सेवा से बर्खास्तगी की सिफारिश भी की गई है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद हिरासत में लिए गए घाटी के 285 लोगों को उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में रखा गया है. आगरा के केंद्रीय कारागार के 1933 कैदियों में 85 कश्मीर घाटी से लाए गए कैदी हैं. हालांकि, आगरा के केंद्रीय कारागार की कुल स्वीकृत क्षमता केवल 1,350 है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के एक महीने बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि अगर कुछ प्रतिबंधों से आप किसी की ज़िंदगी बचा सकते हैं तो उससे अच्छा क्या हो सकता है? लोग ज़िंदगी के साथ स्वतंत्रता की बात कहते हैं लेकिन मैं कहता हूं कि ज़िंदगी पहले आती है, स्वतंत्रता बाद में.
पुलवामा हमले के बाद भी जम्मू कश्मीर में केंद्रीय बलों की 100 कंपनियां तैनात की गई थीं. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है, जो सैन्य विकल्प से नहीं सुलझेगी.
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि हमारी कोशिशों के बावजूद कुछ युवा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुए और कुछ मारे भी गए. हमें इस पर दुख और अफ़सोस है. हम हिंसा के माहौल में हैं और हिंसा, हिंसा को जन्म देती है.