साल 2020 में 8,000 से अधिक लोगों की रेल पटरियों पर जान गई, इनमें ज़्यादातर प्रवासी मज़दूर थे: आरटीआई
आरटीआई आवेदन के जवाब में दी गई जानकारी में अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में अधिकतर प्रवासी मज़दूर थे, जिन्होंने पटरियों पर चलकर घर पहुंचने का विकल्प चुना था, क्योंकि इससे वे लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए पुलिस से बच सकते थे और उनका यह भी मानना था कि वे रास्ता नहीं भटकेंगे.