नेहरू से लड़ते-लड़ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चारों तरफ नेहरू का भूत खड़ा हो गया. नेहरू का अपना इतिहास है. वो किताबों को जला देने और तीन मूर्ति भवन के ढहा देने से नहीं मिटेगा. यह ग़लती ख़ुद मोदी कर रहे हैं.
गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और पलवल को जोड़ने वाले 135 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे का उद्घाटन 20 अप्रैल तक किया जाना था. शीर्ष अदालत ने कहा इसे अब तक जनता के लिए न खोला जाना आश्चर्यजनक है.
उत्तर प्रदेश में ब्रज मंडल के भाजपा पार्टी प्रमुख मनोज कश्यप ने कहा कि कैराना उपचुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करें ताकि पाकिस्तान, जम्मू कश्मीर और देश के दूसरे ‘मोदी विरोधी’ क्षेत्रों में दीवाली न मने.
तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वकील शेखर नफाड़े ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग बड़ी-बड़ी बातें कहते हैं कि वे नागरिकों के लिए 24×7 काम करते हैं.
राहुल गांधी से सवाल किया गया था कि क्या वे अगले प्रधानमंत्री बनेंगे? इस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह इस पर निर्भर करेगा कि कांग्रेस का चुनाव में प्रदर्शन कैसा रहता है.
तुमकुर में हुई एक रैली में नरेंद्र मोदी ने देवगौड़ा की तारीफ़ तो की लेकिन कहा कि जनता उन पर वोट बर्बाद न करें. शायद भाजपा को इस बात का डर है कि राज्य में एंटी-इंकम्बेंसी का फायदा कहीं जेडीएस को न मिल जाए, इसलिए वे उसकी कांग्रेस से नज़दीकी बताने में लगी हुई है.
ऐसे लोग जिन्हें इंटरनेट की भाषा में ट्रोल कहा जाता है, प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ उन्हें फॉलो कर रहे हैं बल्कि उनकी 'प्रतिभा' को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं. कार्टूनिस्ट क्षितिज वाजपेई इसका सबसे ताज़ा उदाहरण हैं.
कर्नाटक चुनाव के समय वहां के मीडिया में राज्य के सत्ता पक्ष और केंद्र के सत्ता पक्ष के बीच कैसा संतुलन है, इसकी समीक्षा रोज़ होनी चाहिए थी. चुनाव आयोग कब सीखेगा कि मीडिया कवरेज और बयानों पर कार्रवाई करने और नज़र रखने का काम चुनाव के दौरान होना चाहिए न कि चुनाव बीत जाने के तीन साल बाद.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी भाजपा सरकार की किसी विनाशकारी नीति के बारे में सवाल पूछा जाता है तो हर बार सुनने को मिलता है कि उनके इरादे नेक हैं. लेकिन, उनके नेक इरादों से देश को भारी नुकसान हुआ है.
न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने कहा कि ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब कॉलेजियम की सिफ़ारिश वाले नामों को केंद्र द्वारा वापस भेजा गया हो. इसलिए मामले पर और अधिक चर्चा किए जाने की ज़रूरत है.
उत्तर प्रदेश से विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में महाभारत की तरह कौरवों और पांडवों के बीच संस्कृतियों की लड़ाई होगी. पांडवों के दल में अर्जुन की भूमिका में प्रधानमंत्री मोदी होंगे तो कौरवों का दल कांग्रेस के नेतृत्व में होगा.
मोदी के चुनाव जीतने के बाद या फिर उससे कुछ पहले ही मीडिया ने अपनी निष्पक्षता ताक पर रखनी शुरू कर दी थी. ऐसा तब है जब सरकार और प्रधानमंत्री ने मीडिया को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया है. मीडियाकर्मियों की जितनी ज़्यादा अवहेलना की गई है, वे उतना ही ज़्यादा अपनी वफ़ादारी दिखाने के लिए आतुर नज़र आ रहे हैं.
शीर्ष अदालत ने कॉलेजियम द्वारा की गई सिफ़ारिशें लंबित रखने के लिए केेंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया.
भाजपा सांसद ने कहा कि दलितों के घर रात बिताने और भोजन करने से दलित परिवार सशक्त नहीं होते हैं. इस दिखावे से बेहतर है कि नेता ज़रूरतमंद दलितों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान का इंतज़ाम करें.
हम भी भारत की 32वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने के दावे पर पूर्व आर्थिक सलाहकार नितिन देसाई और वरिष्ठ पत्रकार नितिन सेठी से चर्चा कर रही हैं.