राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों ही लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के बढ़-चढ़कर दावे कर रहे हैं. कांग्रेस 20 से अधिक सीटों पर तो भाजपा सभी 29 सीटों पर जीत मिलने का दावा कर रही है, लेकिन दोनों के दावे हक़ीक़त से कोसों दूर हैं.
भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई थी. इस विज्ञापन में ‘चौकीदार’ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है और यहां ‘चौकीदार’ से आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने चंद्रशेखर को भाजपा का एजेंट बताया था. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए दलित वोट संगठित रहना चाहिए और उनका संगठन सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन करेगा.
लोग कह रहे हैं कि इस चुनाव में भाजपा का भरोसा छूट रहा है, उसने साध्वी को लाकर ब्रह्मास्त्र चलाया है. यह परीक्षा वास्तव में भाजपा की नहीं है, यह हिंदुओं का इम्तिहान है. क्या वे धर्म के इस अर्थ को स्वीकार करने को तैयार हैं?
कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने ओडिशा के सम्बलपुर में प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच की थी, जो निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नहीं था.
चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व केवल आदर्श आचार संहिता ही नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि क़ानून को भी बरक़रार रखना है, जिसके तहत प्रधानमंत्री सहित विभिन्न भाजपा नेताओं के नफ़रत भरे भाषण अपराध की श्रेणी में आते हैं.
‘मैं भी चौकीदार’ और ‘चौकीदार ही चोर है’ के शोर में अनेक दूसरे मुद्दे हाशिये पर चले गए हैं.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के केंद्रीय कारावास में सज़ा काट चुकी एक महिला ने बीते दिनों प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि जेल में महिला बंदियों को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है और ऐसा न करने पर उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती है.
याचिकाकर्ता ने इस मामले में एसआईटी जांच मांग की है. आरोप है कि नरेंद्र मोदी ने साल 2014 के चुनावी हलफनामा और साल 2015, 2016 और 2017 में संपत्ति की घोषणा में एक प्लॉट की जानकारी नहीं दी.
कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में आफ्स्पा और राजद्रोह क़ानून में बदलाव की बात कही है, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि आफ्स्पा में सुधार से सेना का मनोबल गिरेगा. सोचने वाली बात है कि अगर सैनिकों के अधिकारों पर यह सीमा तय हो कि किसी भी नागरिक को सिर्फ शक़ के बिना पर मारने, गायब करने या किसी महिला के साथ यौन हिंसा की शिक़ायत होने पर उन्हें क़ानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा तो इसमें सेना का मनोबल कैसे
एसबीआई ने बताया कि मार्च 2018 से 24 जनवरी 2019 के बीच कुल 1,407.09 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे गए थे, जिसमें से 1,403.90 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड 10 लाख और एक करोड़ रुपये के थे.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह 22 अप्रैल तक अपना जवाब एक सीलबंद लिफाफे में अदालत में जमा कराएं.
मोदी की बची-खुची राजनीतिक कामयाबी यही है कि विपक्ष के नेता और उनकी सरकारें भी फेल रही हैं. फेल होने वाला हमेशा घर में बताता है कि सब फेल हुए हैं मगर मोहल्ले को बताता है कि वह पास हुआ है, पर रिज़ल्ट किसी को नहीं दिखाता. देश के 50 फीसदी से अधिक छात्रों की यही कहानी आज नरेंद्र मोदी की भी कहानी है.
ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश में वाराणसी के कचनार गांव में जुलाई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक रैली के लिए तकरीबन 10 एकड़ की ज़मीन का इस्तेमाल किया गया था. इस ज़मीन की फसल बर्बाद होने की वजह से प्रशासन ने स्थानीय किसानों को मुआवज़ा देने की बात कहीं थी.
चुनाव आयोग नमो टीवी के कंटेंट के प्रमाणन की बात तो कर रहा है, लेकिन जनप्रतिनिधि क़ानून का उल्लंघन करने के लिए इसके मालिकों/लाभार्थियों के ख़िलाफ़ अब तक कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है.