केंद्र सरकार ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार अधिकारियों- एके शर्मा, एमके सिन्हा, जयंत जे. नाइकनवरे का कार्यकाल ख़त्म कर दिया है.
मोदी और शाह की जोड़ी आसानी से मंच छोड़ने वाली नहीं है. भाजपा के भीतर और मतदताओं के बीच नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अभी भी बरक़रार है. नितिन गडकरी क्या कोई भी नेता लोकप्रियता या भाषण कला के मामले में उनके बराबर नहीं है. यह जोड़ी सुनिश्चित करेगी कि गडकरी अपनी हद में ही रहें, साथ ही उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की हर मुमकिन कोशिश करेगी.
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी पर सहारा-बिड़ला डायरी, नीरा राडिया केस, शराब व्यापारी पोंटी चड्ढा को टैक्स फायदा पहुंचाने, मोईन कुरैशी रिश्वत मामला, पोंजी स्कीम जैसे कई बड़े मामलों में सवाल उठ चुके हैं.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भेजे गए पत्र में गेगांग अपांग ने कहा है कि वर्तमान भाजपा अब राजधर्म के सिद्धांत का पालन नहीं कर रही है बल्कि सत्ता पाने का ज़रिया बन गई है.
एक आरटीआई के जवाब में सीएजी ने कहा, ‘ऑडिट में प्रगति हो रही है और रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. यह सूचना आरटीआई कानून की धारा 8(1)(सी) के तहत नहीं दी जा सकती, क्योंकि ऐसा करना संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा.’
अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कथित भूमिका की जांच की निगरानी कर रहीं सीबीआई की डीआईजी गगनदीप गंभीर का तबादला कर दिया गया.
विशेष जांच दल ने साल 2012 को मामला बंद करने की रिपोर्ट दाख़िल की थी जिसमें नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित 63 अन्य लोगों को क्लीनचिट देते हुए कहा गया था कि इनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने योग्य साक्ष्य नहीं हैं.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता 10 जनवरी को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में आलोक वर्मा को हटना का कड़ा विरोध जाहिर करने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जांच रिपोर्ट और बैठक के मिनट्स सार्वजनिक किए जाएं ताकि जनता अपने निष्कर्ष निकाल सके.
पुणे की एक अदालत ने कुछ शर्तों के साथ मिलिंद एकबोटे को राहत दी है. हिंसा के संबंध में एक दलित महिला द्वारा शिकायत के बाद एससी/एसटी एक्ट के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद की जाएगी. उसी समय इस याचिका पर विचार किया जाएगा कि क्या गृह मंत्रालय के इस आदेश पर रोक लगाया जा सकता है या नहीं.
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल दिसंबर महीने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश एके सीकरी को लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचायती ट्रिब्यूनल में नामित करने का फैसला किया था. इसी समय आलोक वर्मा मामले की सुनवाई चल रही थी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जज एके सीकरी को लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचायती ट्रिब्यूनल में नामित करने का फैसला पिछले महीने लिया जब आलोक वर्मा मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. सीकरी आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाने वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के सदस्य थे.
आलोक वर्मा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई चयन समिति का हिस्सा रहे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके द्वारा मांग करने के बावजूद सरकार ने जस्टिस एके पटनायक की रिपोर्ट को साझा नहीं किया.
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में रिकॉर्ड की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को वापस लेने के लिए कहा था.
पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति को आलोक वर्मा को उनका पक्ष रखने का मौका देना चाहिए था और इसके बाद फैसला लेना चाहिए था.