ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार की नीतीश कुमार सरकार पटना के गर्दनीबाग में 268 एकड़ ज़मीन पर मंत्रियों, जजों और सरकारी अफ़सरों के लिए एक हज़ार से ज़्यादा आवास बनाने जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सभी राज्यों के बाल आश्रय गृहों के सोशल ऑडिट का आदेश दिया था. बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, केरल, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और दिल्ली भी सोशल ऑडिट का विरोध कर रहे हैं.
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा कुशवाहा समाज से आती हैं, जिसका बिहार में ओबीसी समुदाय के वोटबैंक में आठ प्रतिशत का योगदान है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव नज़दीक होने की वजह से उन्हें हटाकर राजग अपने वोटबैंक का नुकसान नहीं करना चाह रहा था.
देश में बलात्कार से संबंधित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर पीड़िताओं की धुंधली या संपादित तस्वीरें प्रकाशित न करने का निर्देश दिया.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी पार्टियों के विरोध प्रदर्शन को बताया राजनीतिक हित साधने की कोशिश, राज्य के सभी ज़िलाधिकारियों को बाल एवं महिला शेल्टर होम की जांच करने का निर्देश दिया.
मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह से कथित रूप से भागी चार में से एक लड़की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मिली है. वह उन चार लड़कियों में शामिल थी जो भागने में कामयाब रहीं जबकि तीन अन्य की मौत हो चुकी है.
एक जून से 14 जून तक बिहार के सूचना व जनसंपर्क विभाग की ओर से मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के अख़बार ‘प्रातः कमल’ के नाम 14 विज्ञापन जारी किए गए. सूचना व जनसंपर्क विभाग ख़ुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संभालते हैं.
मुज़फ़्फ़रपुर स्थित एक बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों के बलात्कार और यौन उत्पीड़न मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोषियों को न बख्शने की बात कही.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मीडिया द्वारा पीड़िताओं का साक्षात्कार लेकर उन्हें बार-बार अपने अपमान को दोहराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. साथ ही, अदालत ने मामले में केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है.
ब्रजेश के स्वामित्व वाले एक हिंदी दैनिक की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं लेकिन प्रतिदिन 60,862 प्रतियां छपीं दिखाकर बिहार सरकार से प्रति वर्ष करीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन मिलते थे. आरोपी राज्य जनसंपर्क विभाग से मान्यता प्राप्त पत्रकार था.
मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के सेवा संकल्प एवं विकास समिति नाम के एनजीओ द्वारा मुज़फ़्फ़रपुर के छोटी कल्याणी इलाके में संचालित स्वयं सहायता समूह का मामला. ठाकुर के ख़िलाफ़ एक और प्राथमिकी दर्ज.
बिहार सरकार के फंड से मुज़फ़्फ़रपुर में चल रहे बालिका गृह में रहने वाली 42 बच्चियों में से अब तक 34 बच्चियों से रेप व यौन शोषण की पुष्टि हो चुकी है.
मीडिया बोल की 60वीं कड़ी में उर्मिलेश बिहार में मुज़फ़्फ़रपुर के एक बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों से बलात्कार के मामले पर हुई मीडिया कवरेज पर पत्रकार अलका रंजन और सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार शीतल प्रसाद सिंह से चर्चा कर रहे हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: इस साल जनवरी में मगही पान की खेती करने वाले किसानों की फसल सर्दी की वजह से बर्बाद हो गई. सरकार की ओर से मुआवज़े का आश्वासन मिलने के बाद भी इन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी है.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर शहर स्थित सरकारी बालिका गृह को सेवा संकल्प एवं विकास समिति की ओर से संचालित किया जाता था. सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथों में ली.