पुलिस ने बताया कि यह घटना मंगलवार दोपहर में रोहिणी के प्रेम नगर इलाके में हुई. पांच मज़दूर एक पुराने मकान के सेप्टिक टैंक में उतरने के बाद बेहोश हो गए. अस्पताल में इलाज के दौरान उनमें से दो को मृत घोषित कर दिया गया.
घटना नोएडा के सेक्टर 107 के सलारपुर में हुई. सीवर की खुदाई करते समय पास के नाले का पानी गड्ढे में भर गया, जिसमें डूबने से मजदूरों की मौत हो गई. छह घंटों की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की गोताखोर टीम ने शवों को निकाला.
ग्राउंड रिपोर्ट: बीते सात फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में हुई बारिश और ओलावृष्टि की तस्वीरों ने जहां मीडिया और आम लोगों को रोमांचित कर दिया था, वहीं इसी मौसम के चलते ग्रेटर नोएडा के अलीवर्दीपुर गांव में क़रीब 150 घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. इस बीच प्रशासन मदद देने के बजाय क्षतिग्रस्त घरों को अवैध क़ब्ज़ा बता रहा है.
मीडिया बोल की 80वीं कड़ी में उर्मिलेश नोएडा में पुलिस ने पार्क में नमाज़ पढ़ने पर रोक, अमरोहा में पकड़े गए कथित आतंकी और मेघालय की खदान में फंसे मज़दूरों पर इंडियन एक्सप्रेस के सीनियर असिस्टेंट एडिटर दीप्तिमान तिवारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता मोहम्मद आमिर से चर्चा कर रहें हैं.
भाजपा ने कहा कि ओवैसी मानसिक दिवालियेपन का शिकार हैं. उन्हें तथ्यों की जानकारी नहीं है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार क़ानून व्यवस्था को सर्वोपरि मानती है और नोएडा पुलिस ने जो कुछ भी किया, ठीक किया.
नोएडा सेक्टर 63 स्थित कंपनी शाओमी और ओप्पो के लिए मोबाइल फोन बनाती है. बिना नोटिस दिए कंपनी द्वारा तकरीबन 200 लोगों को निकालने का आरोप. पुलिस ने चार कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया.
अधिकारियों ने बताया कि बालिका गृह में 17 बच्चे रहते हैं जिनकी उम्र 10 वर्ष से कम है. सफाई व्यवस्था में भी खामियां पाई गईं. छापे के दौरान यहां सफाई के लिए कोई कर्मचारी नहीं था.
ज़ी हिंदुस्तान टीवी चैनल के एक कार्यक्रम में तीन तलाक़ का विरोध करने वाली निदा ख़ान को फ़तवा जारी किए जाने पर हो रही लाइव बहस के दौरान क़ासमी और सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट फ़राह फ़ैज़ के बीच मारपीट हो गई.
हादसे के मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विशेष कार्य अधिकारी को हटाया गया. छह मंज़िला निर्माणाधीन इमारत के गिरने से बगल की दूसरी इमारत भी गिरी. इमारत का निर्माण अवैध तरीके से हुआ होना बताया जा रहा है.
लावा कंपनी के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उनसे 12 घंटे काम कराया जाता है, इसके बावजूद उनके वेतन से पैसे काट लिए जाते हैं.
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि 1994 में उन्हें वनीकरण के लिए 30 वर्षों के लिए ज़मीन आवंटित हुई थी, जिसे अब यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने अवैध तरीके से पतंजलि को दे दिया है.
नोएडा के सेक्टर-110 में सीवर की सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई. घटना के बाद से नोएडा विकास प्राधिकरण का ठेकेदार फरार.
क्या आम्रपाली और जेपी समूह के सताए फ्लैट ओनर पुलिस की गोली से मारे जा रहे किसानों को लेकर व्यथित हुए होंगे, क्या जंतर मंतर पर होने वाले धरनों से सहानुभूति रखते होंगे? क्या कभी नर्मदा के विस्थापितों के लिए अनशन कर रहीं मेधा पाटकर के लिए कुछ सोचा होगा?
मुस्लिमों को यह कहना होगा कि वे यहां हैं और यहीं रहेंगे. उन्हें यह कहना होगा कि किसी को भी उन्हें इस देश को छोड़ कर जाने के लिए कहने का हक़ नहीं है. उन्हें यह कहना होगा कि वे यहां अपने मुस्लिमपन के साथ वैसे ही रहेंगे जैसे हिंदू अपने हिंदूपन के साथ रहते हैं.