मेरा जीवन क्षणिक है, मैं इस अनंत में एक कण हूं लेकिन मैं हूं और मेरे होने का अर्थ है, अपने बारे में यह नवलजी का विश्वास था और इसका प्रमाण वे तमाम प्रकाशित और अप्रकाशित कृतियां हैं, जिनमें वे जीवित हैं.
विचारधारा की जकड़न से विचारों की स्वतंत्रता की नवल जी की यात्रा कष्टसाध्य रही. उन्हें ख़ुद को ही कई जगह अस्वीकार करना पड़ा. लेकिन चूंकि उनकी प्रतिबद्धता रचनाकार से भी आगे बढ़कर रचना से थी, और विचारधारा से तो कतई नहीं, सो उन्हें ख़ुद को बदलने में संकोच नहीं हुआ.
पटना विश्वविद्यालय के पटना ट्रेनिंग कॉलेज का मामला. रिज़ल्ट में 97 छात्र-छात्राओं को दिए गए शून्य अंक.
ज्ञान की जब भी चर्चा होती है तो वो बिहार के ऐतिहासिक नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय का ज़िक्र किए बिना पूरी नहीं होती, लेकिन उसी बिहार में आज शिक्षा व्यवस्था का हाल ये है कि आधा दर्जन विश्वविद्यालयों में विभिन्न सत्रों की परीक्षाएं कई सालों से लटकी हुई हैं.
बीते शनिवार चुनाव परिणाम आने के बाद से ही छात्र अध्यक्ष पद के विजेता के नामांकन में गड़बड़ी और चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
14 अक्टूबर को पटना विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल होने वाले हैं, लेकिन पटना से चार बार सांसद रहे सिन्हा को नहीं बुलाया गया.