कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रधानमंत्री का दिखना ही अब प्रेस कॉन्फ्रेंस कहलाएगा

मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की. यह तथ्य है. यह भी एक तथ्य है कि मोदी से पूछने वाला प्रेस ही नहीं है. होता तो उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस की ज़रूरत नहीं होती. वह अपनी ख़बरों से मोदी को जवाब के लिए मजबूर कर देता.

पांच साल में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए मोदी, लेकिन किसी सवाल का जवाब नहीं दिया

जब एक पत्रकार ने सीधे प्रधानमंत्री से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘हम तो डिसिप्लिन्ड सोल्जर हैं. पार्टी अध्यक्ष हमारे लिए सब कुछ होते हैं.’ शाह ने भी कहा कि प्रधानमंत्री को सवालों का जवाब देने की ज़रूरत नहीं है.

मणिपुर हाईकोर्ट ने रासुका के तहत गिरफ़्तार पत्रकार को रिहा करने का आदेश दिया

मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को सोशल मीडिया पर वायरल एक यूट्यूब वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और आरएसएस की आलोचना करने के लिए नवंबर 2018 में रासुका के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: मणिपुर सरकार की आलोचना के चलते गिरफ़्तार पत्रकार गंभीर रूप से बीमार

पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह की आलोचना के आरोप में रासुका के तहत एक साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. वे दिसंबर 2018 से जेल में हैं.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: ‘पत्रकारों पर रासुका लगाने के पीछे सरकार का उद्देश्य बाकी पत्रकारों को डराना है’

बीते नवंबर में मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार कर एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया. उन पर सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आलोचना करने का आरोप है. किशोरचंद्र की पत्नी रंजीता एलांगबम और उनके वकील श्रीजी भावसार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

मणिपुर: रासुका के तहत जेल भेजे गए पत्रकार को राहुल गांधी ने लिखा पत्र, जताया समर्थन

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुरी पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के क़ैद की निंदा करते हुए लिखा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बुरी ताकतें हिंसा फैला रही हैं, जबकि राज्य से जवाबदेही लेने वालों को जेल की सज़ा हो रही है.'

असम: पत्रकार के सवाल पर भड़के एआईयूडीएफ प्रमुख, बोले- यहां से जाओ वरना सिर फोड़ दूंगा

गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल से एक पत्रकार ने लोकसभा चुनाव के समय पार्टी की गठबंधन की योजना पर सवाल किया, जिस पर वे भड़क गए.

मणिपुर यूनिवर्सिटी में इम्फाल से छपने वाले अख़बारों का बहिष्कार

मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की आलोचना करने पर रासुका के तहत गिरफ़्तार किए गए पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के प्रति स्थानीय पत्रकारों के 'पक्षपातपूर्ण' रवैये पर विरोध ज़ाहिर करते हुए मणिपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने परिसर में इम्फाल से निकलने वाले अख़बारों के बहिष्कार की घोषणा की है.

मणिपुर: राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की आलोचना करने वाले पत्रकार को एक साल की जेल

इम्फाल के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को बीते 26 नवंबर को सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते वीडियो अपलोड करने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कथित तौर पर अपमानजनक शब्द बोलने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

मणिपुर: मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की आलोचना करने पर पत्रकार रासुका के तहत गिरफ़्तार

इम्फाल के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते वीडियो अपलोड करने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कथित तौर पर अपमानजनक शब्द बोलने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है

पत्रकार जमाल ख़शोगी की हत्या के लिए संभवत: दुनिया ज़िम्मेदार: डोनाल्ड ट्रंप

तुर्की की ओर से कहा गया है कि जमाल ख़शोगी हत्याकांड के प्रति आंखें मूंदना चाह रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. जमाल ख़शोगी की बीते दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी.

‘यौन उत्पीड़न पर ख़ामोश रहने का फ़ायदा सिर्फ़ आरोपी को मिलता है’

साक्षात्कार: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और मीटू आंदोलन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर जानी-मानी इतिहासकार व नारीवादी उमा चक्रवर्ती और आंबेडकर विश्वविद्यालय की शिक्षक वसुधा काटजू से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

सीआईए ने जमाल ख़शोगी की हत्या के पीछे सऊदी अरब के शहज़ादे का हाथ बताया: रिपोर्ट

बीते दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में दाख़िल होने के बाद से जमाल ख़शोगी लापता हो गए थे. दूतावास में ही उनकी हत्या कर दी गई थी. द वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह तय है कि सऊदी अरब के शहज़ादे के बिना जानकारी या संलिप्तता के यह नहीं हुआ.

इंडिया टुडे के कार्यकारी संपादक गौरव सावंत पर यौन उत्पीड़न का आरोप

#मीटू: पत्रकार विद्या कृष्णन ने 15 साल पहले हुई घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि एक असाइनमेंट के दौरान गौरव सावंत ने उनके साथ छेड़छाड़ और बदसलूकी की. विद्या उस समय ‘द पॉयनियर’ अख़बार में काम करती थीं.

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