आज जब पूरे देश में धार्मिक स्थलों को खोला जा रहा है, तब बीते दिनों 'सांप्रदायिक' होने का इल्ज़ाम झेलने वाले केरल के मलप्पुरम ज़िले ने अपनी अलग राह चुनी है. कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र वहां की पांच हज़ार मस्जिदों को अनिश्चितकाल तक बंद रखने समेत कई धार्मिक स्थलों को न खोलने का फ़ैसला लिया गया है.
बीती 27 मई को केरल के पलक्कड़ ज़िले में गर्भवती हथिनी की मौत हो गई थी, बताया गया था कि उसे कथित तौर पर पटाखे खिलाए जाने से वह गंभीर रूप से ज़ख़्मी थी. कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है. भाजपा सांसद मेनका गांधी पर इस घटना को लेकर दंगा फैलाने की मंशा का मामला दर्ज किया गया है.
साल 2017 में केरल के पलक्कड़ ज़िले में 13 साल की एक लड़की अपने घर में फांसी पर लटकी हुई मिली थी. उसी साल चार मार्च की इन्हीं परिस्थितियों में उसकी छोटी बहन भी मृत पाई गई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला था कि दोनों का यौन उत्पीड़न किया गया था. आरोपियों को रिहा करने के विरोध में केरल विधानसभा में हंगामा. सीबीआई जांच की मांग.
भगवान अयप्पा का दर्शन करने गईं दो महिलाओं को वापस लौटना पड़ा है. एक महिला पत्रकार और एक अन्य महिला ने भारी विरोध के चलते वापस लौटने का फैसला किया है.